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टीटीपी पिछले साल हुए 100 आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार हैः संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट - टीटीपी ने अफनानिस्तान

एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शंस टीम की 27वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी ने अफनानिस्तान में छोटे-छोटे आतंकी समूहों को कथित रुप फिर से एक करने का काम किया है, जिसका संचालन अलकायदा कर रहा था.

टीटीपी
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Published : Feb 6, 2021, 6:53 AM IST

Updated : Feb 6, 2021, 7:43 AM IST

न्यू यॉर्क : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल सिर्फ तीन महीने में हुए 100 से ज्यादा आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कई छोटे आतंकवादी समूहों को अफगानिस्तान में फिर से एकजुट करने का काम किया है. इससे अफगानिस्तान और क्षेत्र में खतरा बढ़ने का अंदेशा है.

इन छोटे-छोटे आतंकवादी समूहों को अलकायदा संचालित कर रहा था.

'एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शंस टीम' की 27वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी ने अफनानिस्तान में छोटे-छोटे आतंकी समूहों को कथित रुप फिर से एक करने का काम किया है, जिसका संचालन अलकायदा कर रहा था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और क्षेत्र में खतरा बढ़ने का अंदेशा है.

उसमें कहा गया है कि जुलाई और अगस्त में पांच समूहों ने टीटीपी के प्रति निष्ठा का प्रण लिया था, जिसमें शेहरयार महसूद समूह, जमात-उल-अहरार, हिज्ब-उल-अहरार, अमजद फरूकी समूह और उस्मान सैफुल्लाह समूह (जिसे पहले लश्कर-ए-झांगवी के नाम से जाना जाता था) शामिल है.

रिपोर्ट के मुताबिक, इससे टीटीपी की ताकत बढ़ी है और नतीजतन क्षेत्र में हमले बढ़े हैं.

पढ़ें - अफगानिस्तान में तालिबानी हमला, 16 सुरक्षाकर्मियों की मौत, 2 घायल

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक आकलन के मुताबिक, टीटीपी में लड़ाकों की संख्या 2,500 से 6,000 है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी जुलाई और अक्टूबर 2020 के बीच सीमा पार के देशों में 100 से अधिक हमलों के लिए जिम्मेदार है.

न्यू यॉर्क : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल सिर्फ तीन महीने में हुए 100 से ज्यादा आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कई छोटे आतंकवादी समूहों को अफगानिस्तान में फिर से एकजुट करने का काम किया है. इससे अफगानिस्तान और क्षेत्र में खतरा बढ़ने का अंदेशा है.

इन छोटे-छोटे आतंकवादी समूहों को अलकायदा संचालित कर रहा था.

'एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शंस टीम' की 27वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी ने अफनानिस्तान में छोटे-छोटे आतंकी समूहों को कथित रुप फिर से एक करने का काम किया है, जिसका संचालन अलकायदा कर रहा था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और क्षेत्र में खतरा बढ़ने का अंदेशा है.

उसमें कहा गया है कि जुलाई और अगस्त में पांच समूहों ने टीटीपी के प्रति निष्ठा का प्रण लिया था, जिसमें शेहरयार महसूद समूह, जमात-उल-अहरार, हिज्ब-उल-अहरार, अमजद फरूकी समूह और उस्मान सैफुल्लाह समूह (जिसे पहले लश्कर-ए-झांगवी के नाम से जाना जाता था) शामिल है.

रिपोर्ट के मुताबिक, इससे टीटीपी की ताकत बढ़ी है और नतीजतन क्षेत्र में हमले बढ़े हैं.

पढ़ें - अफगानिस्तान में तालिबानी हमला, 16 सुरक्षाकर्मियों की मौत, 2 घायल

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक आकलन के मुताबिक, टीटीपी में लड़ाकों की संख्या 2,500 से 6,000 है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी जुलाई और अक्टूबर 2020 के बीच सीमा पार के देशों में 100 से अधिक हमलों के लिए जिम्मेदार है.

Last Updated : Feb 6, 2021, 7:43 AM IST
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