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डैनियल पर्ल हत्याकांड में आरोपित अलकायदा आतंकी समेत तीन रिहा

पाकिस्तान की एक अदालत ने ब्रिटेन में जन्मे अल-कायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगियों को रिहा करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति के के आगा की अध्यक्षता वाली सिंध उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि शेख एवं अन्य आरोपियों को 'किसी भी तरह से हिरासत' में नहीं रखा जाए.

डैनियल पर्ल हत्याकांड
डैनियल पर्ल हत्याकांड
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Published : Dec 24, 2020, 6:24 PM IST

कराची : पाकिस्तान की एक अदालत ने ब्रिटेन में जन्मे अल-कायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगियों को बृहस्पतिवार को रिहा करने के आदेश दिए. इन सभी को अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई थी.

न्यायमूर्ति के के आगा की अध्यक्षता वाली सिंध उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि शेख एवं अन्य आरोपियों को 'किसी भी तरह से हिरासत' में नहीं रखा जाए और उनकी हिरासत से जुड़ी सिंध सरकार की सभी अधिसूचनाओं को 'अमान्य' करार दिया.

अदालत ने कहा कि चारों व्यक्तियों की हिरासत 'अवैध' है.

सिंध उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ ने अप्रैल में 46 वर्षीय शेख की मौत की सजा को बदलकर सात वर्ष कैद की सजा कर दी थी. अदालत ने उसके तीन सहयोगियों को भी बरी कर दिया जो मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे.

बहरहाल, सिंध सरकार ने उन्हें रिहा करने से इंकार कर दिया और लोक व्यवस्था बनाए रखने के तहत उन्हें हिरासत में रखा.

उन्हें लगातार हिरासत में रखे जाने को सिंध उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, जिसने उनकी रिहाई के आदेश दिए. बहरहाल, इसने उनके नाम उड़ान नहीं भरने वालों की सूचनी में डालने के निर्देश दिए, ताकि वे देश नहीं छोड़ सकें. इसने उन्हें निर्देश दिए कि जब भी अदालत समन करे उसके समक्ष पेश हों.

'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' के दक्षिण एशिया के 38 वर्षीय ब्यूरो प्रमुख पर्ल का पाकिस्तान में 2002 में अपहरण कर लिया और उनकी गर्दन काटकर हत्या कर दी गई. उस समय पर्ल देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई और अल-कायदा के बीच संबंधों को लेकर एक खबर पर काम कर रहे थे.

न्यायमूर्ति मुशीर आलम की अध्यक्षता वाली तीन न्यायधीशों की पीठ शेख को रिहा करने के खिलाफ मारे गए पत्रकार के परिवार और सिंध सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही है.

पर्ल के लिए न्याय की मांग करते हुए अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बनाए हुए है.

पढ़ें - पाकिस्तान : बिलावल भुट्टो के साथ मंच साझा करेंगी मरियम नवाज

भारत ने 1999 में एअर इंडिया की उड़ान 814 के अपहृत 150 यात्रियों के बदले शेख समेत तीन आतंकियों, जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा किया था. इस रिहाई के तीन साल बाद ही पर्ल की हत्या हुई.

भारत में विदेशी पर्यटकों के अपहरण के मामले में शेख को जेल की सजा सुनाई गई थी.

कराची : पाकिस्तान की एक अदालत ने ब्रिटेन में जन्मे अल-कायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगियों को बृहस्पतिवार को रिहा करने के आदेश दिए. इन सभी को अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई थी.

न्यायमूर्ति के के आगा की अध्यक्षता वाली सिंध उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि शेख एवं अन्य आरोपियों को 'किसी भी तरह से हिरासत' में नहीं रखा जाए और उनकी हिरासत से जुड़ी सिंध सरकार की सभी अधिसूचनाओं को 'अमान्य' करार दिया.

अदालत ने कहा कि चारों व्यक्तियों की हिरासत 'अवैध' है.

सिंध उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ ने अप्रैल में 46 वर्षीय शेख की मौत की सजा को बदलकर सात वर्ष कैद की सजा कर दी थी. अदालत ने उसके तीन सहयोगियों को भी बरी कर दिया जो मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे.

बहरहाल, सिंध सरकार ने उन्हें रिहा करने से इंकार कर दिया और लोक व्यवस्था बनाए रखने के तहत उन्हें हिरासत में रखा.

उन्हें लगातार हिरासत में रखे जाने को सिंध उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, जिसने उनकी रिहाई के आदेश दिए. बहरहाल, इसने उनके नाम उड़ान नहीं भरने वालों की सूचनी में डालने के निर्देश दिए, ताकि वे देश नहीं छोड़ सकें. इसने उन्हें निर्देश दिए कि जब भी अदालत समन करे उसके समक्ष पेश हों.

'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' के दक्षिण एशिया के 38 वर्षीय ब्यूरो प्रमुख पर्ल का पाकिस्तान में 2002 में अपहरण कर लिया और उनकी गर्दन काटकर हत्या कर दी गई. उस समय पर्ल देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई और अल-कायदा के बीच संबंधों को लेकर एक खबर पर काम कर रहे थे.

न्यायमूर्ति मुशीर आलम की अध्यक्षता वाली तीन न्यायधीशों की पीठ शेख को रिहा करने के खिलाफ मारे गए पत्रकार के परिवार और सिंध सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही है.

पर्ल के लिए न्याय की मांग करते हुए अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बनाए हुए है.

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भारत ने 1999 में एअर इंडिया की उड़ान 814 के अपहृत 150 यात्रियों के बदले शेख समेत तीन आतंकियों, जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा किया था. इस रिहाई के तीन साल बाद ही पर्ल की हत्या हुई.

भारत में विदेशी पर्यटकों के अपहरण के मामले में शेख को जेल की सजा सुनाई गई थी.

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