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थाईलैंड में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने तख्तापलट की आशंका जताई

थाईलैंड में लगातार प्रदर्शनकारी अपनी मांग दोहरा रहे हैं. उनकी मांग है प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा को पद से हटाया जाए. बता दें, इससे पहले बुधवार को रैली में एक व्यक्ति को गोली मार दी गई थी.

protesters warn of possible coup
प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा को पद से हटाने की कर रहे मांग
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Published : Nov 28, 2020, 10:20 AM IST

Updated : Nov 28, 2020, 10:43 AM IST

बैंकाक: थाईलैंड में लोकतंत्र समर्थकों ने गिरफ्तारी वारंट जारी होने और हिंसक हमलों के खतरे के बावजूद एक और रैली निकालते हुए सैन्य तख्तापलट की आशंका भी जताई है. इससे पहले बुधवार को हुई रैली में दो व्यक्तियों को कथित तौर पर गोली मारी गई थी जिसमें वे बहुत बुरी तरह घायल हो गए थे.

सरकार के शासन को समाप्त करने की कर रहे मांग

प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा के पद से हटने और इस सरकार के शासन को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा वे संविधान में संशोधन कर इसे और लोकतांत्रिक बनाने और राजशाही में सुधार करने के साथ-साथ उसे और जवाबदेह बनाने की भी मांग कर रहे हैं. इसमें राजवंश से जुड़ा मुद्दा सबसे विवादित है क्योंकि शाही संस्थान की ओर उंगली उठाना कानूनन गलत माना जाता है. वैसे भी सेना घोषणा कर चुकी है कि राजवंश की रक्षा उसके लिए सर्वोपरि है.

प्रदर्शनकारी लगातार कर रहे प्रधानमंत्री को पद से हटाने की मांग

पिछले हफ्ते दर्ज किया गया था मामला

पिछले हफ्ते थाईलैंड के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी नेताओं में से 12 पर राजवंश की मानहानि करने से संबंधित एक कड़े काननू का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया. दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों की तख्तापलट की आशंका भी निराधार नहीं है. इससे पहले 1977, 1991, 2006 और 2014 में यहां तख्तापलट हो चुके हैं. यदि सरकार को लगता है कि वह प्रदर्शनों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है तो वह मार्शल लॉ लागू कर सकती है या फिर सेना सरकार का तख्तापलट कर सकती है.

पढ़ें: थाइलैंड में आपातकाल निरस्त करने के आदेश, पीएम से पद छोड़ने की अपील

शुक्रवार को एक रैली में कुछ वक्ताओं ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी तख्तापलट का विरोध करने के लिए तैयार रहें.

बैंकाक: थाईलैंड में लोकतंत्र समर्थकों ने गिरफ्तारी वारंट जारी होने और हिंसक हमलों के खतरे के बावजूद एक और रैली निकालते हुए सैन्य तख्तापलट की आशंका भी जताई है. इससे पहले बुधवार को हुई रैली में दो व्यक्तियों को कथित तौर पर गोली मारी गई थी जिसमें वे बहुत बुरी तरह घायल हो गए थे.

सरकार के शासन को समाप्त करने की कर रहे मांग

प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा के पद से हटने और इस सरकार के शासन को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा वे संविधान में संशोधन कर इसे और लोकतांत्रिक बनाने और राजशाही में सुधार करने के साथ-साथ उसे और जवाबदेह बनाने की भी मांग कर रहे हैं. इसमें राजवंश से जुड़ा मुद्दा सबसे विवादित है क्योंकि शाही संस्थान की ओर उंगली उठाना कानूनन गलत माना जाता है. वैसे भी सेना घोषणा कर चुकी है कि राजवंश की रक्षा उसके लिए सर्वोपरि है.

प्रदर्शनकारी लगातार कर रहे प्रधानमंत्री को पद से हटाने की मांग

पिछले हफ्ते दर्ज किया गया था मामला

पिछले हफ्ते थाईलैंड के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी नेताओं में से 12 पर राजवंश की मानहानि करने से संबंधित एक कड़े काननू का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया. दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों की तख्तापलट की आशंका भी निराधार नहीं है. इससे पहले 1977, 1991, 2006 और 2014 में यहां तख्तापलट हो चुके हैं. यदि सरकार को लगता है कि वह प्रदर्शनों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है तो वह मार्शल लॉ लागू कर सकती है या फिर सेना सरकार का तख्तापलट कर सकती है.

पढ़ें: थाइलैंड में आपातकाल निरस्त करने के आदेश, पीएम से पद छोड़ने की अपील

शुक्रवार को एक रैली में कुछ वक्ताओं ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी तख्तापलट का विरोध करने के लिए तैयार रहें.

Last Updated : Nov 28, 2020, 10:43 AM IST
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