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रॉयल थाई सेना को सौंपी गई सेना से जुड़े फेसबुक अकाउंट को हटाने की जांच - फेसबुक द्वारा सेना से जुड़े अकाउंट

यिंगशेप ने पत्रकारों से कहा कि इस तरह का प्रचार अभियान चलाने के लिए सेना के पास कोई अधिकार नहीं है. ट्विटर ने अक्टूबर 2020 में खुलासा किया था कि उसने 926 अकाउंट के एक नेटवर्क का पता लगाया है जिसके जरिए सेना से संबंधित अभियान की सूचनाएं दी जाती है.

thai army facebook account
थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा ने दिया बयान
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Published : Mar 4, 2021, 5:28 PM IST

बैंकाक : थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा ने कहा कि फेसबुक द्वारा सेना से जुड़े अकाउंट को हटाये जाने के मामले की जांच रॉयल थाई सेना को सौंपी गई है. फेसबुक ने सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ उसकी नीति का उल्लंघन करने के लिए 77 अकाउंट, 72 पेज, 18 समूहों और 18 इंस्टाग्राम अकाउंट को हटा दिया था.

प्रयुत ने कहा कि फेसबुक ने इस तरह की कार्रवाई की. इसकी व्याख्या कई तरीकों से की जा सकती है. हमें इसे स्पष्ट करना होगा. फेसबुक का कहना है कि देश के दक्षिणी प्रांतों के लोगों को ध्यान में रखकर ये अकाउंट बनाए गए थे, जहां सेना को लंबे समय तक उग्रवाद का सामना करना पड़ा था. तीन कार्यकर्ताओं यिंगशेप एचानोंट, सरेनी अचवनुंटकुल और विनु जॉन वोंगसुरावत ने बैंकाक में प्रशासनिक अदालत में एक मुकदमा दायर किया था और रॉयल थाई सेना के प्रचार अभियान को रोकने का आदेश देने का आग्रह किया था.

यिंगशेप ने पत्रकारों से कहा कि इस तरह का प्रचार अभियान चलाने के लिए सेना के पास कोई अधिकार नहीं है. ट्विटर ने अक्टूबर 2020 में खुलासा किया था कि उसने 926 अकाउंट के एक नेटवर्क का पता लगाया है जिसके जरिए सेना से संबंधित अभियान की सूचनाएं दी जाती है.

पढ़ें: थाईलैंड के राजा का अपमान करने की दोषी महिला को रिकॉर्ड 43 साल कैद की सजा

ट्विटर ने कहा था कि इन अकाउंट के पोस्ट में सेना और सरकार से जुड़ी सामग्री को बढ़ा-चढाकर दिखाया गया और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया.

बैंकाक : थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा ने कहा कि फेसबुक द्वारा सेना से जुड़े अकाउंट को हटाये जाने के मामले की जांच रॉयल थाई सेना को सौंपी गई है. फेसबुक ने सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ उसकी नीति का उल्लंघन करने के लिए 77 अकाउंट, 72 पेज, 18 समूहों और 18 इंस्टाग्राम अकाउंट को हटा दिया था.

प्रयुत ने कहा कि फेसबुक ने इस तरह की कार्रवाई की. इसकी व्याख्या कई तरीकों से की जा सकती है. हमें इसे स्पष्ट करना होगा. फेसबुक का कहना है कि देश के दक्षिणी प्रांतों के लोगों को ध्यान में रखकर ये अकाउंट बनाए गए थे, जहां सेना को लंबे समय तक उग्रवाद का सामना करना पड़ा था. तीन कार्यकर्ताओं यिंगशेप एचानोंट, सरेनी अचवनुंटकुल और विनु जॉन वोंगसुरावत ने बैंकाक में प्रशासनिक अदालत में एक मुकदमा दायर किया था और रॉयल थाई सेना के प्रचार अभियान को रोकने का आदेश देने का आग्रह किया था.

यिंगशेप ने पत्रकारों से कहा कि इस तरह का प्रचार अभियान चलाने के लिए सेना के पास कोई अधिकार नहीं है. ट्विटर ने अक्टूबर 2020 में खुलासा किया था कि उसने 926 अकाउंट के एक नेटवर्क का पता लगाया है जिसके जरिए सेना से संबंधित अभियान की सूचनाएं दी जाती है.

पढ़ें: थाईलैंड के राजा का अपमान करने की दोषी महिला को रिकॉर्ड 43 साल कैद की सजा

ट्विटर ने कहा था कि इन अकाउंट के पोस्ट में सेना और सरकार से जुड़ी सामग्री को बढ़ा-चढाकर दिखाया गया और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया.

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