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म्यांमार में प्रदर्शन का दूसरा सप्ताह, कोई पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं

म्यांमार में सड़कों पर जारी जनांदोलन दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है और यहां प्रदर्शनकारी व देश की सैन्य सरकार में से कोई भी पक्ष संघर्ष से पीछे हटने को तैयार नहीं है.

म्यांमार में प्रदर्शन
म्यांमार में प्रदर्शन
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Published : Feb 13, 2021, 10:24 PM IST

यंगून : म्यांमार में सड़कों पर जारी जनांदोलन शनिवार को दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है और यहां प्रदर्शनकारी व देश की सैन्य सरकार में से कोई भी पक्ष संघर्ष से पीछे हटने को तैयार नहीं है.

देश के सबसे बड़े शहर यंगून के मुख्य चौराहे लेदेन पर एकत्र होने के बाद प्रदर्शनकारी वहां से पूरे शहर में अन्य जगहों पर अमेरिका और चीन के दूतावास सहित गए.

पांच या उससे ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला.

राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा सैन्य सरकार के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा के बाद से अमेरिका को म्यांमार में एक फरवरी को हुए तख्ता पलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थक के रूप में देखा जा रहा है.

चीन को सत्तारूढ़ सैन्य शासकों के मित्र के रूप में देखा जा रहा है इसलिए उसे देश में कोई पसंद नहीं कर रहा है.

म्यांमार के दूसरे बड़े शहर मंडले में भी प्रदर्शन फिर से शुरू हो गए हैं और यहां वकीलों का बड़ा समूह प्रदर्शन कर रहा है.

सेना ने देश की नेता आंग सान सू ची और उनकी पार्टी को सरकार से हटा दिया है और हाल में चुनाव जीतने वाले सांसदों को संसद सत्र में शामिल नहीं होने दे रहा है.

सू ची और सरकार के अन्य वरिष्ठ सदस्य फिलहाल हिरासत में हैं.

यंगून : म्यांमार में सड़कों पर जारी जनांदोलन शनिवार को दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है और यहां प्रदर्शनकारी व देश की सैन्य सरकार में से कोई भी पक्ष संघर्ष से पीछे हटने को तैयार नहीं है.

देश के सबसे बड़े शहर यंगून के मुख्य चौराहे लेदेन पर एकत्र होने के बाद प्रदर्शनकारी वहां से पूरे शहर में अन्य जगहों पर अमेरिका और चीन के दूतावास सहित गए.

पांच या उससे ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला.

राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा सैन्य सरकार के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा के बाद से अमेरिका को म्यांमार में एक फरवरी को हुए तख्ता पलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थक के रूप में देखा जा रहा है.

चीन को सत्तारूढ़ सैन्य शासकों के मित्र के रूप में देखा जा रहा है इसलिए उसे देश में कोई पसंद नहीं कर रहा है.

म्यांमार के दूसरे बड़े शहर मंडले में भी प्रदर्शन फिर से शुरू हो गए हैं और यहां वकीलों का बड़ा समूह प्रदर्शन कर रहा है.

सेना ने देश की नेता आंग सान सू ची और उनकी पार्टी को सरकार से हटा दिया है और हाल में चुनाव जीतने वाले सांसदों को संसद सत्र में शामिल नहीं होने दे रहा है.

सू ची और सरकार के अन्य वरिष्ठ सदस्य फिलहाल हिरासत में हैं.

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