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तमिल परिवार ने निर्वासन के खिलाफ मुकदमा जीता, ऑस्ट्रेलिया में रहने की मिली अनुमति

श्रीलंका निर्वासित किए जाने के खिलाफ दायर मुकदमा तमिल परिवार जीत गया है. बता दें कि संघीय अदालत ने मंगलवार को पूर्व के आदेश पर रोक की मांग वाली ऑस्ट्रेलियाई सरकार की याचिका खारिज कर दी थी.

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Published : Feb 16, 2021, 12:57 PM IST

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया में एक तमिल परिवार ने श्रीलंका निर्वासित किए जाने के खिलाफ दायर किया गया अपना मुकदमा जीत लिया है और फिलहाल उन्हें देश में रहने की अनुमति मिल गई है.

अदालत के उनके निर्वासन पर रोक लगाने के बाद श्रीलंका में जन्मे प्रिया तथा नादेस मुरुगप्पन और ऑस्ट्रेलिया में जन्मी उनकी बेटी कोपिका (5) और थारूनिका (3) को अगस्त 2019 से क्रिसमस आइलैंड के एक दूरस्थ आव्रजन निरुद्ध केन्द्र में भेज दिया गया था.

संघीय अदालत की, तीन न्यायाधीशों वाली पूर्ण पीठ ने मंगलवार को पूर्व के आदेश पर रोक की मांग वाली ऑस्ट्रेलियाई सरकार की याचिका खारिज कर दी. आदेश में कहा गया था कि छोटी बेटी के 'प्रोटेक्शन वीजा' के लिए आवेदन दाखिल करने पर उसे प्रक्रियात्मक निष्पक्षता से वंचित किया गया. इस वीजा से उसे यहां रहने की अनुमति मिल सकती थी.

पढ़ें : कमला हैरिस ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से कोरोना और द्विपक्षीय मुद्दे को लेकर बात की

प्रिया तथा नादेस मुरुगप्पन लोगों की तस्करी करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नौकाओं से 2012 और 2013 में ऑस्ट्रेलिया आए थे. दोनों ने 2014 में शादी की. उन्होंने श्रीलंका में उत्पीड़न का सामना करने का हवाला देते हुए, शरणार्थी वीजा मांगा था.

आस्ट्रेलियाई अधिकारियों द्वारा मार्च 2018 में मेलबर्न के एक आव्रजन निरुद्ध केन्द्र भेजे जाने से पहले, वे बिलोएला के आउटबैक शहर में रहते थे.

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया में एक तमिल परिवार ने श्रीलंका निर्वासित किए जाने के खिलाफ दायर किया गया अपना मुकदमा जीत लिया है और फिलहाल उन्हें देश में रहने की अनुमति मिल गई है.

अदालत के उनके निर्वासन पर रोक लगाने के बाद श्रीलंका में जन्मे प्रिया तथा नादेस मुरुगप्पन और ऑस्ट्रेलिया में जन्मी उनकी बेटी कोपिका (5) और थारूनिका (3) को अगस्त 2019 से क्रिसमस आइलैंड के एक दूरस्थ आव्रजन निरुद्ध केन्द्र में भेज दिया गया था.

संघीय अदालत की, तीन न्यायाधीशों वाली पूर्ण पीठ ने मंगलवार को पूर्व के आदेश पर रोक की मांग वाली ऑस्ट्रेलियाई सरकार की याचिका खारिज कर दी. आदेश में कहा गया था कि छोटी बेटी के 'प्रोटेक्शन वीजा' के लिए आवेदन दाखिल करने पर उसे प्रक्रियात्मक निष्पक्षता से वंचित किया गया. इस वीजा से उसे यहां रहने की अनुमति मिल सकती थी.

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प्रिया तथा नादेस मुरुगप्पन लोगों की तस्करी करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नौकाओं से 2012 और 2013 में ऑस्ट्रेलिया आए थे. दोनों ने 2014 में शादी की. उन्होंने श्रीलंका में उत्पीड़न का सामना करने का हवाला देते हुए, शरणार्थी वीजा मांगा था.

आस्ट्रेलियाई अधिकारियों द्वारा मार्च 2018 में मेलबर्न के एक आव्रजन निरुद्ध केन्द्र भेजे जाने से पहले, वे बिलोएला के आउटबैक शहर में रहते थे.

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