कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) ने वर्ष 2019 में ईस्टर के मौके पर देश में हुए सिलसिलेवार धमाकों के लिए पूर्ववर्ती सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. इन धमाकों में 11 भारतीयों सहित करीब 270 लोगों की मौत हो गई थी.
उल्लेखनीय है कि इस्लामिक स्टेट (Islamic State) से जुड़े स्थानीय चरपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एटीजे) के नौ आत्मघाती हमलावरों ने वर्ष 2019 में ईस्टर के दिन तीन गिरिजाघरों और कई होटलों पर हमला किया था. इस हमले में 270 लोगों की मौत हो गई थी और 500 लोग घायल हुए थे.
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो उनपर बम धमाके के जिम्मेदार लोगों पर तेजी से कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं. उन्हें ऐसी मांग करने के दौरान सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि उनकी सरकार अगर जरूरत हुई तो आलोचकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करेगी.
राजपक्षे ने बुधवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वे त्वरित कार्रवाई चाहते हैं, तो हम इसके लिए जिम्मेदार लोगों के नागरिक अधिकार को वापस लेने के लिए संसद का रुख कर सकते हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया चल रही है और उनकी सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी. राजपक्षे ने पूर्ववर्ती सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने वर्ष 2015 से पहले स्थापित खुफिया तंत्र को बर्बाद कर दिया था.
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उन्होंने ने पूर्ववर्ती सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा को बर्बाद करने का आरोप लगाया. राष्ट्रपति गोटबाया ने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा गठित प्रेसिडेंशियल जांच आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कही. राष्ट्रपति ने कहा कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को हमले के लिए जिम्मेदार माना है.
(पीटीआई-भाषा)