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श्रीलंका : कोरोना से मरने वालों के शवों को जलाने के निर्णय में बदलाव नहीं - COVID 19 dead on hold official

श्रीलंका में कोरोना से मरने वाले लोगों का अनिवार्य रूप से दाह संस्कार करने के नियम में छूट देने और मृतकों को दफन करने के निर्णय का क्रियान्वयन होने में कुछ समय लगेगा. क्योंकि अभी तक इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं.

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Published : Feb 27, 2021, 10:26 PM IST

Updated : Feb 27, 2021, 10:57 PM IST

कोलंबो : श्रीलंका में कोविड-19 से मरने वाले लोगों का अनिवार्य रूप से दाह संस्कार करने के नियम में छूट देने और मृतकों को दफन करने के निर्णय का क्रियान्वयन होने में कुछ समय लगेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक इस संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के बीच श्रीलंका सरकार ने कोविड-19 से मरने वाले लोगों के शव को अनिवार्य रूप से जलाने के आदेश में बदलाव किया है. इस आदेश से मुस्लिम समेत अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा था. पिछले साल अप्रैल में जारी एक राजपत्रित अधिसूचना में सरकार ने बृहस्पतिवार को बदलाव किया. नई अधिसूचना के अनुसार दाह संस्कार और दफनाना दोनों किया जा सकता है.

गत 10 महीने तक देश के मुस्लिम और ईसाई अल्पसंख्यकों तथा अंतरराष्ट्रीय समूहों ने अनिवार्य रूप से दाह संस्कार की नीति का अंत करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया. स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी असेला गुणावर्देना ने कहा कि इसमें कुछ समय लगेगा, क्योंकि कई पक्षों पर दिशानिर्देश तय करना और जारी होना बाकी है.

यह भी पढ़ें-निजी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन की एक डोज की कीमत ₹ 250

श्रीलंका की सरकार ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोविड-19 से मरने वालों के शवों को दफनाने की बजाय उनका दाह संस्कार करना अनिवार्य कर दिया था.

कोलंबो : श्रीलंका में कोविड-19 से मरने वाले लोगों का अनिवार्य रूप से दाह संस्कार करने के नियम में छूट देने और मृतकों को दफन करने के निर्णय का क्रियान्वयन होने में कुछ समय लगेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक इस संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के बीच श्रीलंका सरकार ने कोविड-19 से मरने वाले लोगों के शव को अनिवार्य रूप से जलाने के आदेश में बदलाव किया है. इस आदेश से मुस्लिम समेत अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा था. पिछले साल अप्रैल में जारी एक राजपत्रित अधिसूचना में सरकार ने बृहस्पतिवार को बदलाव किया. नई अधिसूचना के अनुसार दाह संस्कार और दफनाना दोनों किया जा सकता है.

गत 10 महीने तक देश के मुस्लिम और ईसाई अल्पसंख्यकों तथा अंतरराष्ट्रीय समूहों ने अनिवार्य रूप से दाह संस्कार की नीति का अंत करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया. स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी असेला गुणावर्देना ने कहा कि इसमें कुछ समय लगेगा, क्योंकि कई पक्षों पर दिशानिर्देश तय करना और जारी होना बाकी है.

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श्रीलंका की सरकार ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोविड-19 से मरने वालों के शवों को दफनाने की बजाय उनका दाह संस्कार करना अनिवार्य कर दिया था.

Last Updated : Feb 27, 2021, 10:57 PM IST
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