सिंगापुर : सिंगापुर के संस्कृति, समुदाय एवं युवा मामलों के मंत्री एडविन टोंग ने एक मंदिर के पूर्व भारतीय प्रमुख पुजारी पर स्वर्ण आभूषण के हेर-फेर के आरोप लगने के कुछ सप्ताह बाद बयान जारी किया है. कहा कि देश का हिंदू धर्मस्व बोर्ड (एचईबी) उन चार मंदिरों में स्वर्ण वस्तुओं पर निगरानी बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है, जिनका वह प्रबंधन करता है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंत्री ने सोमवार को कहा कि मंदिरों की प्रबंधन समितियां अपने मंदिरों में सोने की वस्तुओं पर निगरानी को कड़ा करेंगी. टोंग ने बताया कि एचईबी हर साल अधिक लेखा परीक्षा करेगा. टोंग से सांसद मुरली पिल्लई ने सवाल किया था कि क्या एचईबी ने श्रीमरियम्मन मंदिर के मामले की समीक्षा की है और क्या ऐसी घटना को पुन: होने से रोकने के लिए कोई कदम उठाए गए हैं. इस प्रश्न के जवाब में टोंग ने कहा कि एचईबी उन चार मंदिरों में स्वर्ण वस्तुओं पर निगरानी बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है, जिनका वह प्रबंधन करता है.
सिंगापुर में सबसे प्राचीन हिंदू मंदिर के आभूषणों को गिरवी रखकर रकम जुटाने के लिए भारतीय पुजारी कंडासामी सेनापति (37) पर आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है. सेनापति (37) पर भ्रष्टाचार, मादक पदार्थ की तस्करी और अन्य गंभीर अपराध संबंधी कानून के तहत कर्मचारी के रूप में आपराधिक विश्वास भंग के लिए पांच आरोप लगाए गए हैं.
श्रीमरिअम्मन मंदिर में मुख्य पुजारी कंडासामी पर 2016 से 2020 के दौरान मंदिर से स्वर्ण आभूषण निकालने और उन्हें दुकानों में गिरवी रखकर रकम जुटाने का आरोप है. अभियोजकों ने अदालत को बताया कि गिरवी रखे गए आभूषणों की कीमत 20 लाख सिंगापुर डॉलर (15 लाख अमेरिकी डॉलर) से अधिक थी.
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कंडासामी के मामले पर अदालत में आगे की सुनवाई 15 मार्च को होगी. दोषी पाए जाने पर उसे 15 साल जेल की सजा हो सकती है.