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सिंगापुर ने 10 भारतीयों को किया निर्वासित, दोबारा प्रवेश पर लगाई रोक - सिंगापुर में सर्किट ब्रेकर नियम

सिंगापुर में कोरोना महामारी को रोकने के लिए सर्किट ब्रेकर नियम लागू किया गया है. इस नियम का उल्लंघन करने पर छात्र समेत 10 भारतीयों को सिंगापुर से निर्वासित कर दिया गया है. इसके साथ ही देश में इनके दोबारा प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है.

Singapore deports 10 Indians
प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Jul 13, 2020, 8:48 PM IST

सिंगापुर : सिंगापुर ने छात्रों सहित 10 भारतीयों को निर्वासित कर दिया है और 'सर्किट ब्रेकर' नियम का उल्लंघन करने के आरोप में दोबारा देश में प्रवेश पर भी रोक लगा दी. सर्किट ब्रेकर नियम देश में कोरोना महमारी को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया है. अधिकारी ने सोमवार को फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी.

उल्लेखनीय है कि 'सर्किट ब्रेकर' नियम सात अप्रैल को लागू किया गया था. इसके तहत गैर जरूरी कार्यस्थलों को बंद कर दिया गया था और लोगों को खाने-पीने एवं किराना सामान खरीदने के अलावा घर से निकलने पर रोक लगा दी गई थी. यह अवधि दो जून को समाप्त हुई.

सिंगापुर इस समय कोविड-19 की वजह से लागू बंदी को खोलने के लिए 19 जून को शुरू हुई प्रक्रिया के दूसरे चरण में है. इस अवधि में क्रमबद्ध तरीके से कारोबार को दोबारा खोला जा रहा है. हालांकि, रविवार तक सिंगापुर में कोविड-19 के 45,961 मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें से 26 लोगों की मौत हुई है.

आव्रजन एवं जांच प्राधिकरण (आईसीए) और सिंगापुर पुलिस बल (एसपीएफ) ने संयुक्त बयान में कहा कि छात्र और कार्य पास धारक इन 10 भारतीयों को पांच मई को किराए के अपार्टमेंट में सामाजिक कार्यक्रम करते हुए पकड़ा गया था.

पढ़ें : कोरोना के मामलों में वृद्धि के बीच 'डिज्नी वर्ल्ड' फिर से खोला गया

बयान के मुताबिक पिछले हफ्ते उन्हें कोविड-19 (अस्थायी उपाय) अधिनियम के तहत उनके अपराध का दोषी पाया गया था और 1,439 डॉलर (करीब 1,08,185 रुपये) से लेकर 3,237 डॉलर (करीब 2,43,361 रुपये) तक का जुर्माना लगाया गया.

इस कानून के तहत पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने की जेल और 7,163 डॉलर का जुर्माना एवं अपराध दोहराने पर एक साल की सजा और 14,326 डॉलर के जुर्माने का प्रावधान है.

बयान के मुताबिक, 'निर्वासित भारतीयों के दोषी ठहराए जाने के बाद उनके पास रद्द कर दिए गए है. उन्होंने जून से जुलाई 2020 के बीच भारत निर्वासित किया गया और सिंगापुर में दोबारा प्रवेश करने पर रोक लगाई गई है.

सिंगापुर : सिंगापुर ने छात्रों सहित 10 भारतीयों को निर्वासित कर दिया है और 'सर्किट ब्रेकर' नियम का उल्लंघन करने के आरोप में दोबारा देश में प्रवेश पर भी रोक लगा दी. सर्किट ब्रेकर नियम देश में कोरोना महमारी को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया है. अधिकारी ने सोमवार को फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी.

उल्लेखनीय है कि 'सर्किट ब्रेकर' नियम सात अप्रैल को लागू किया गया था. इसके तहत गैर जरूरी कार्यस्थलों को बंद कर दिया गया था और लोगों को खाने-पीने एवं किराना सामान खरीदने के अलावा घर से निकलने पर रोक लगा दी गई थी. यह अवधि दो जून को समाप्त हुई.

सिंगापुर इस समय कोविड-19 की वजह से लागू बंदी को खोलने के लिए 19 जून को शुरू हुई प्रक्रिया के दूसरे चरण में है. इस अवधि में क्रमबद्ध तरीके से कारोबार को दोबारा खोला जा रहा है. हालांकि, रविवार तक सिंगापुर में कोविड-19 के 45,961 मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें से 26 लोगों की मौत हुई है.

आव्रजन एवं जांच प्राधिकरण (आईसीए) और सिंगापुर पुलिस बल (एसपीएफ) ने संयुक्त बयान में कहा कि छात्र और कार्य पास धारक इन 10 भारतीयों को पांच मई को किराए के अपार्टमेंट में सामाजिक कार्यक्रम करते हुए पकड़ा गया था.

पढ़ें : कोरोना के मामलों में वृद्धि के बीच 'डिज्नी वर्ल्ड' फिर से खोला गया

बयान के मुताबिक पिछले हफ्ते उन्हें कोविड-19 (अस्थायी उपाय) अधिनियम के तहत उनके अपराध का दोषी पाया गया था और 1,439 डॉलर (करीब 1,08,185 रुपये) से लेकर 3,237 डॉलर (करीब 2,43,361 रुपये) तक का जुर्माना लगाया गया.

इस कानून के तहत पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने की जेल और 7,163 डॉलर का जुर्माना एवं अपराध दोहराने पर एक साल की सजा और 14,326 डॉलर के जुर्माने का प्रावधान है.

बयान के मुताबिक, 'निर्वासित भारतीयों के दोषी ठहराए जाने के बाद उनके पास रद्द कर दिए गए है. उन्होंने जून से जुलाई 2020 के बीच भारत निर्वासित किया गया और सिंगापुर में दोबारा प्रवेश करने पर रोक लगाई गई है.

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