बीजिंग : चीन में रहस्यमयी सार्स जैसे विषाणु का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है और इसकी चपेट में आने से तीसरे व्यक्ति की मौत हो गई. चीन के आसपास भी रोग फैलना शुरू हो गया है. तीसरा एशियाई देश इसकी चपेट में आ गया है. प्राधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
कोरोनावायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है, लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं. इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है. लेकिन सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) से इसके जुड़ाव ने खतरे की घंटी बजा दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी.
फिलहाल चीन के वुहान शहर में इससे जुड़े सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. एक करोड़ से अधिक की आबादी वाला वुहान एक प्रमुख परिवहन केंद्र है. इस सप्ताह के अंत में शुरू हो रही चीनी नववर्ष की वार्षिक छुट्टियों के लिए बड़ी संख्या में लोगों के चीन पहुंचने का अनुमान हैं. ज्यादातर लोग यहां से होकर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे.
चीन में अब तक इसकी चपेट में आने से तीन लोगों की जान जा चुकी है. वुहान में सप्ताहांत में इसके करीब 136 नए मामले सामने आए हैं, जिससे यहां इन मामलों की कुल संख्या 201 हो गई है.
इस बीच, दक्षिण कोरिया ने सोमवार को वुहान से वहां पहुंची 35 वर्षीय महिला के इस विषाणु से ग्रस्त होने की पुष्टि की. थाईलैंड दो और जापन एक व्यक्ति के इससे पीड़ित होने की पुष्टि कर चुका है, ये तीनों ही चीन यात्रा पर गए थे.
विषाणु के एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने की पुष्टि अब तक नहीं हुई है लेकिन अधिकारियों ने पहले कहा था कि ऐसा होने की 'आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता.'
भारत ने चीन के वुहान में निमोनिया के नए प्रकार के प्रकोप के चलते चीन जाने वाले अपने नागरिकों के लिए शुक्रवार को एक परामर्श जारी किया था. वुहान में करीब 500 भारतीय मेडिकल छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.
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भारत की ओर से जारी यात्रा परामर्श में कहा गया, 'चीन में नए कोरोनावायरस के संक्रमण का पता चला है. 11 जनवरी, 2020 तक 41 मामलों के सामने आने की पुष्टि हुई है.'
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि एक जानवर सबसे संभावित प्राथमिक स्रोत लगता है और इससे बेहद निकट संपर्क से मनुष्य से मनुष्य के बीच सीमित संचरण संभव है.