इस्लामाबाद : पाकिस्तान में 11 दलों वाले विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने दोहराया है कि वह 13 दिसंबर को लाहौर में होने वाली रैली कतई नहीं रोकेगा. पीएमएल-एन पंजाब के अध्यक्ष राणा सनाउल्ला ने कहा कि अगर सरकार रैली रोकने की कोशिश करती है तो किसी भी अनहोनी के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान जिम्मेदार होंगे.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन से सोमवार को सनाउल्ला ने कहा कि 13 दिसंबर को प्रस्तावित रैली में देश भर से सभी जातियों के शामिल होने की उम्मीद है.
नवाज शरीफ इस अवसर पर अपना निर्णायक भाषण देंगे. अगर सरकार ने रैली रोकने की कोशिश की तो हालात बिगड़ सकते हैं. सनाउल्ला ने कहा कि 'स्थिति तभी बिगड़ेगी जब सरकार सार्वजनिक बैठक के आयोजन में बाधा पैदा करने का प्रयास करेगी.'
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं : सनाउल्ला
विपक्षी दलों के इस्तीफे पर बोलते हुए सनाउल्ला ने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ), नेशनल असेंबली से इस्तीफा देने को राजी हो गई हैं ताकि नए सिरे से चुनाव हों.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को आगे बढ़ाए. उन्होंने कहा कि विपक्ष नेशनल असेंबली (पहले चरण में) इस्तीफा दे देगा और इमरान खान को उपचुनाव नहीं कराने देगा.' उन्होंने कहा कि हम नए सिरे से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं और इस पर कोई समझौता नहीं होगा.
162 नेताओं पर केस
विपक्षी गठबंधन के स्थानीय 162 नेताओं पर मंगलवार को एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि कोविड की गाइडलाइन का उल्लंघन कर इन लोगों ने रविवार को रैली की. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के आह्वान पर पीडीएम ने रैली निकाली थी.
मुल्तान में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान रहमान ने विपक्षी कार्यकर्ताओं पर सरकार की कार्रवाई के खिलाफ शुक्रवार और रविवार को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करने की घोषणा की थी.
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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), पीएमएल-एन और जेयूआई-एफ के 300 से ज्यादा कार्यकर्ता अन्य दलों के साथ कामरान मार्केट, सदर में जामिया इस्लामिया मस्जिद के सामने एकत्र हुए और रावलपिंडी क्लब की ओर बढ़ रहे थे. इस दौरान 13 दिसंबर की रैली को सफल बनाने की अपील की गई. पुलिस ने 12 पीडीएम नेताओं और 150 कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
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