सोल : भ्रष्टाचार के आरोप में कैद सैमसंग के अधिकारी ली जेई योंग को शुक्रवार को पैरोल पर रिहा किया गया. उन्हें यह राहत सजा मिलने के एक साल भीतर मिली है. इस राहत को विरोधी कथित तौर पर कोरिया में सैमसंग के बढ़ते प्रभाव और कॉरपोरेट जगत में भ्रष्टाचार करने वाले मालिकों के प्रति नरम रुख के रूप में देख रहे हैं.
भूरे रंग के सूट और मास्क पहने ली सोल के नजदीक जेल के दरवाजे से बाहर निकले और झुककर अपने कृत्यों से उपजी नाराजगी के लिए माफी मांगी. यह कृत्य भ्रष्टाचार का था जिसकी वजह से दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति को 2017 में अपने पद से हटना पड़ा था.
ली की रिहाई के दौरान सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंचे थे जो उनकी रिहाई के समर्थन व विरोध में नारेबाजी कर रहे थे.
रिहाई के मौके पर ली ने कहा, मैंने अपने लोगों के लिए बड़ी चिंता पैदा की. मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. उन्होंने पिछले कई महीने जेल में बिताए हैं और इस दौरान अपने कारोबारी फैसले अधिकारियों से मुलाकात के आधार पर करते रहे हैं.
ली ने कहा कि वह उनको लेकर चिंताओं, आलोचनाओं और बड़ी उम्मीदों पर गौर कर रहे हैं और इसके बाद संवाददाताओं के सवालों का जवाब दिए बिना अपनी कार में बैठक कर चले गए.
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उल्लेखनीय है कि 53 साल के ली प्रौद्योगिकी से लेकर निर्माण, वित्तीय सेवाओं से लेकर अस्पताल, मनोरंजन पार्क, फुटबॉल क्लब तक चलाने वाली कोरिया की बहुत बड़ी कंपनी के मालिकों की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनकी कंपनियों में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक प्रमुख है, जिसका मूल्य कोरिया के कुल शेयर बाजार का 20 प्रतिशत और कुल निर्यात का 25 प्रतिशत है.
ली को जल्द रिहा करने के लिए कारोबारी नेता और राष्ट्रपति मून जेई सरकार के सदस्य पैरवी कर रहे थे उनका कहना था कि सैमसंग की दक्षिण कोरिया के निर्यात में अहम हिस्सेदारी है और ली के कैद होने से इसमें गिरावट आएगी.
ली को रिहा करना मून के लिए राजनीतिक रूप से भी हित में था क्योंकि हाल के चुनावों में संकेत मिले थे कि वर्ष 2016 बौर 2017 में गुस्से का इजहार करने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन करने वाले लाखों लोग भी ली की रिहाई के पक्ष में हैं. ऐसे में इसका असर वर्ष 2022 में होने वाले चुनाव पर पड़ सकता है क्योंकि लाखों लोगों की पूंजी सैमसंग में लगी हुई है.
(एपी)