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रूस के उच्च सदन ने 'ओपन स्काई' संधि से हटने के लिए किया मतदान - उच्च सदन

सैन्य केन्द्रों पर निगरानी उड़ानों की अनुमति देने संबंधी एक अंतरराष्ट्रीय संधि से हटने के लिए रूसी संसद के उच्च सदन (Russian upper house) ने मतदान किया. इससे पहले अमेरिका इस संधि से हट चुका है.

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Published : Jun 2, 2021, 5:30 PM IST

मॉस्को : रूसी संसद के उच्च सदन (Russian upper house) ने सैन्य केन्द्रों पर निगरानी उड़ानों की अनुमति देने संबंधी एक अंतरराष्ट्रीय संधि से हटने के लिए बुधवार को मतदान किया. अमेरिका के संधि से हटने के बाद यह मतदान किया गया.

अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने रूस को बताया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने 'ओपन स्काई' संधि में दोबारा शामिल नहीं होने का फैसला किया है. इस संधि के तहत, सदस्य देश एक-दूसरे के सैन्य केन्द्रों पर नजर रख सकते थे, लेकिन बाइडेन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप ने इस संधि से अमेरिका को अलग कर लिया था.

पढ़ें - इसाक हर्जोग इजराइल के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित

रूस के उच्च सदन के इस संधि से हटने के पक्ष में मतदान करने के बाद, अब इसे हस्ताक्षर करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास भेजा जाएगा. अगर पुतिन इस पर हस्ताक्षर कर देते हैं तो, इस फैसले को अमल में आने में छह महीने लगेंगे.

'ओपन स्काई' संधि का उद्देश्य सैन्य बलों और गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए इसके सदस्य देशों के क्षेत्रों में टोही उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच विश्वास का निर्माण करना था. वर्ष 1992 में की गई इस संधि में तीन दर्जन से अधिक देश शामिल हैं.

गौरतलब है कि पुतिन और बाइडेन 16 जनवरी को जिनेवा में शिखर वार्ता करने वाले हैं.

(पीटीआई-भाषा)

मॉस्को : रूसी संसद के उच्च सदन (Russian upper house) ने सैन्य केन्द्रों पर निगरानी उड़ानों की अनुमति देने संबंधी एक अंतरराष्ट्रीय संधि से हटने के लिए बुधवार को मतदान किया. अमेरिका के संधि से हटने के बाद यह मतदान किया गया.

अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने रूस को बताया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने 'ओपन स्काई' संधि में दोबारा शामिल नहीं होने का फैसला किया है. इस संधि के तहत, सदस्य देश एक-दूसरे के सैन्य केन्द्रों पर नजर रख सकते थे, लेकिन बाइडेन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप ने इस संधि से अमेरिका को अलग कर लिया था.

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रूस के उच्च सदन के इस संधि से हटने के पक्ष में मतदान करने के बाद, अब इसे हस्ताक्षर करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास भेजा जाएगा. अगर पुतिन इस पर हस्ताक्षर कर देते हैं तो, इस फैसले को अमल में आने में छह महीने लगेंगे.

'ओपन स्काई' संधि का उद्देश्य सैन्य बलों और गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए इसके सदस्य देशों के क्षेत्रों में टोही उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच विश्वास का निर्माण करना था. वर्ष 1992 में की गई इस संधि में तीन दर्जन से अधिक देश शामिल हैं.

गौरतलब है कि पुतिन और बाइडेन 16 जनवरी को जिनेवा में शिखर वार्ता करने वाले हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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