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रूस ने मांगें नहीं माने जाने पर जवाबी कार्रवाई की दी चेतावनी - जवाबी कदम उठाने से गुरेज नहीं

रूस ने बुधवार को चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने उसकी सुरक्षा मांगों को पूरा नहीं किया और अपनी आक्रामक नीतियों को जारी रखा तो वह तत्काल जवाबी कदम उठाने से गुरेज नहीं (Dont hesitate to take countermeasures) करेगा.

Sergei Lavrov
सर्गेई लावरोव
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Published : Jan 26, 2022, 8:09 PM IST

मॉस्को : रूस ने मांगें नहीं माने जाने पर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी (Dont hesitate to take countermeasures) दी है. यूक्रेन पर रूस के संभावित हमले को लेकर उपजी चिंताओं के बीच उसकी इस चेतावनी ने पश्चिमी देशों पर दबाव बढ़ा दिया है. हालांकि रूस यूक्रेन पर हमले जैसी किसी भी योजना से इनकार करता रहा है लेकिन अमेरिका और उसके नाटो सहयोगी रूस द्वारा यूक्रेन की सीमा पर लगभग एक लाख सैनिक तैनात किए जाने से चिंतित हैं.

दरअसल रूस ने नाटो से यह गारंटी मांगी है कि वह यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को अपना सदस्य नहीं बनने देगा. साथ ही वह अन्य पूर्व सोवियत देशों में तैनात सैनिकों को वापस बुलाएगा. इन मांगों को लेकर बने गतिरोध के चलते युद्ध छिड़ने का खतरा मंडरा रहा है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि वह और अन्य शीर्ष अधिकारी रूस की मांगों पर अमेरिका का लिखित जवाब मिलने के बाद अगले कदम के बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सलाह देंगे.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका आमने-सामने, किसका पक्ष लेगा भारत, पढ़ें विशेषज्ञों की राय

उन्होंने कहा कि इस सप्ताह जवाब मिलने की उम्मीद है. हालांकि अमेरिका और उसके सहयोगी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे रूस की शीर्ष मांगों को नहीं मानेंगे. लावरोव ने कहा कि यदि पश्चिमी देशों ने अपनी आक्रामक नीति जारी रखी तो मॉस्को आवश्यक जवाबी कदम उठाएगा. रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि फिलहाल रूस अमेरिकी जवाब की प्रतीक्षा कर रहा है लेकिन हमेशा के लिए इंतजार नहीं करेगा. लावरोव ने कहा कि हम अपने प्रस्तावों को अंतहीन चर्चाओं में गुम होने नहीं देंगे.

(पीटीआई-भाषा)

मॉस्को : रूस ने मांगें नहीं माने जाने पर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी (Dont hesitate to take countermeasures) दी है. यूक्रेन पर रूस के संभावित हमले को लेकर उपजी चिंताओं के बीच उसकी इस चेतावनी ने पश्चिमी देशों पर दबाव बढ़ा दिया है. हालांकि रूस यूक्रेन पर हमले जैसी किसी भी योजना से इनकार करता रहा है लेकिन अमेरिका और उसके नाटो सहयोगी रूस द्वारा यूक्रेन की सीमा पर लगभग एक लाख सैनिक तैनात किए जाने से चिंतित हैं.

दरअसल रूस ने नाटो से यह गारंटी मांगी है कि वह यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को अपना सदस्य नहीं बनने देगा. साथ ही वह अन्य पूर्व सोवियत देशों में तैनात सैनिकों को वापस बुलाएगा. इन मांगों को लेकर बने गतिरोध के चलते युद्ध छिड़ने का खतरा मंडरा रहा है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि वह और अन्य शीर्ष अधिकारी रूस की मांगों पर अमेरिका का लिखित जवाब मिलने के बाद अगले कदम के बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सलाह देंगे.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका आमने-सामने, किसका पक्ष लेगा भारत, पढ़ें विशेषज्ञों की राय

उन्होंने कहा कि इस सप्ताह जवाब मिलने की उम्मीद है. हालांकि अमेरिका और उसके सहयोगी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे रूस की शीर्ष मांगों को नहीं मानेंगे. लावरोव ने कहा कि यदि पश्चिमी देशों ने अपनी आक्रामक नीति जारी रखी तो मॉस्को आवश्यक जवाबी कदम उठाएगा. रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि फिलहाल रूस अमेरिकी जवाब की प्रतीक्षा कर रहा है लेकिन हमेशा के लिए इंतजार नहीं करेगा. लावरोव ने कहा कि हम अपने प्रस्तावों को अंतहीन चर्चाओं में गुम होने नहीं देंगे.

(पीटीआई-भाषा)

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