इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार समर्थित उम्मीदवार सादिक संजरानी एक बार फिर शुक्रवार को संसद के उच्च सदन सीनेट के सभापति पद के लिए निर्वाचित हुए. उनकी इस जीत को प्रधानमंत्री इमरान खान और सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है.
सीनेट के मौजूदा सभापति संजरानी को प्रधानमंत्री इमरान खान के गठबंधन का समर्थन प्राप्त था और उन्होंने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार तथा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को हराया. संजरानी को 99 सदस्यों वाली सीनेट में 48 मत मिले, जबकि गिलानी को 42 मतों से ही संतोष करना पड़ा.
चुनाव के नतीजे संयुक्त विपक्ष के लिए झटका हैं, क्योंकि उच्च सदन में बहुमत होने के बावजूद उसे हार का मुंह देखना पड़ा. चुनाव में कुल 98 सीनेटरों ने मतदान किया.
रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष ने चुनाव के परिणाम को उस समय चुनौती दी जब यह घोषणा की गई कि विपक्षी उम्मीदवार गिलानी के पक्ष में दिए गए सात मतों को खारिज कर दिया गया. लेकिन पीठासीन अधिकारी सैयद मुजफ्फर हुसैन शाह ने उनकी आपत्ति को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सात वोट इसलिए खारिज किए गए क्योंकि उन पर मुहर तरीके से नहीं लगी थी. एक वोट इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि यह दोनों उम्मीदवारों के पक्ष में था.
विपक्षी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने गिलानी और मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को क्रमशः सभापति और उप सभापति पदों के लिए मैदान में उतारा था. सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि निवर्तमान सभापति संजरानी एक और कार्यकाल के लिए उसके उम्मीदवार होंगे. प्रधानमंत्री खान ने सीनेटर मिर्जा मोहम्मद अफरीदी को उप सभापति पद के लिए नामित किया था.
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इससे पहले विपक्ष ने दावा किया था कि दोनों पदों के चुनाव के लिए निर्धारित मतदान केंद्रों में खुफिया कैमरे लगाए गए थे.