हांगकांग: हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने आंदोलन को और तेज कर दिया है. सप्ताहांत में दो रैलियों की योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू किया है.
आपको बता दें कि इसके तहत शनिवार को रैली से पहले मार्च निकाला गया.
कार्यकर्ताओं की ये रैलियां आंदोलन की एक बड़ी परीक्षा होगी क्योंकि इस सप्ताह के शुरू में हवाई अड्डे पर प्रदर्शन की आलोचना हुई थी. साथ ही चीन के अगले कदम को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं.
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पिछले 10 हफ्ते से चल रहे प्रदर्शनों ने इस अंतरराष्ट्रीय आर्थिक केंद्र को संकट में डाल दिया है क्योंकि चीन के वामपंथी शासन ने कड़ा रुख अपना रखा है. चीन ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के कदमों को 'आतंकवादी की तरह' करार दिया है.
प्रदर्शनकारी शनिवार और रविवार को दो रैलियों की योजना बना रहे हैं. इसके जरिये चीन और शहर के गैर निर्वाचित नेताओं को यह दिखाना है कि उनके आंदोलन को अभी भी व्यापक जनसमर्थन हासिल है.
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने शहर के हवाई अड्डे पर यात्रियों को उड़ानों में सवार होने से रोक दिया था और बाद में दो पुरुषों से मारपीट की जिस पर उन्होंने चीन का जासूस होने का आरोप लगाया है.
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गौरतलब है कि इन तस्वीरों से उस आंदोलन को नुकसान पहुंचा जिससे अभी तक पुलिस या सरकारी संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा था.
स्थानीय मीडिया ने शेनजेन में सीमा के पास सैन्य कर्मियों एवं बख्तरबंद वाहनों की मौजूदगी की तस्वीरें प्रकाशित की, वहीं अमेरिका ने चीन को सेना भेजने के खिलाफ आगाह किया है. कई विश्लेषकों का मानना है कि चीन का यह कदम उसकी साख के साथ ही आर्थिक संकट का मामला बन सकता है.
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आपको बता दें कि शनिवार की रैली की शुरूआत हजारों लोगों के मूसलाधार वर्षा के बीच मार्च करने से हुई. इस प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्य तौर पर युवाओं द्वारा किया जा रहा था.
दोपहर में भीड़ हुंग होम से क्वा वान के लिए मार्च के लिए एकत्र होने लगी.
बता दें कि पुलिस ने शुरूआत में शनिवार की रैली को प्रतिबंधित किया लेकिन उसका मार्ग परिवर्तित होने पर थोड़ा नरम पड़ गई.रविवार की रैली के लिए प्रदर्शनकारियों को एक पार्क में एकत्रित होने के लिए अनुमति दी गई है लेकिन सड़कों पर मार्च करने पर रोक है.