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हजारों बांग्लादेशी मुसलमानों ने फ्रांस के खिलाफ रैली निकाली - राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

दुनियाभर के मुस्लिम देशों की आलोचना झेल रहे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक इस्लामवादी समूह के लगभग 10,000 लोगों ने मंगलवार को जुलूस निकाला. इस दौरान प्रदर्शकारियों ने फ्रांस का बहिष्कार करने की मांग की.

फ्रांस के खिलाफ रैली
फ्रांस के खिलाफ रैली
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Published : Oct 27, 2020, 10:42 PM IST

ढाका : फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद के व्यंग्य चित्र के प्रदर्शन के विरोध में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक इस्लामवादी समूह के लगभग 10,000 लोगों ने मंगलवार को जुलूस निकाला और समूह के नेता ने दुनिया भर के मुसलमानों से फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह किया.

मुस्लिम बहुल देश में इस्लामिक कानून लागू करने की वकालत करने वाले एक समूह 'इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश' के प्रदर्शनकारी बैनर और तख्तियां लिए हुए थे, जिनमें 'दुनिया के सभी मुसलमानों एकजुट हो जाओ' और 'फ्रांस का बहिष्कार करो' लिखा था.

प्रदर्शनकारी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर का एक बड़ा कट-आउट भी लाए थे, जिसके गले में जूते लटकाए गए थे.

पिछले हफ्ते मैक्रों की टिप्पणी से मुस्लिम-बहुल देश नाराज हो गए, जिसमें उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के कार्टून के प्रकाशन या प्रदर्शन की निंदा करने से इनकार कर दिया था.

चेचन मूल के एक 18 वर्षीय व्यक्ति पर 16 अक्टूबर को पेरिस के पास एक फ्रांसीसी शिक्षक का सिर काटने का आरोप है, जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद के रेखाचित्र दिखाए थे.

पढ़ें - कार्टून विवाद : मैक्रों पर भड़के इमरान, कहा- फैला रहे इस्लामोफोबिया

गौरतलब है कि, फ्रांस धार्मिक व्यंग्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत आने वाली चीजों में से एक मानता है, जबकि कई मुसलमान पैगंबर पर किसी भी कथित व्यंग्य को गंभीर अपराध मानते हैं.

इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के प्रमुख रेजाउल करीम ने फ्रांस से पैगंबर मुहम्मद के किसी भी व्यंग्य चित्र को प्रदर्शित करने से परहेज करने का आग्रह किया.

ढाका : फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद के व्यंग्य चित्र के प्रदर्शन के विरोध में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक इस्लामवादी समूह के लगभग 10,000 लोगों ने मंगलवार को जुलूस निकाला और समूह के नेता ने दुनिया भर के मुसलमानों से फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह किया.

मुस्लिम बहुल देश में इस्लामिक कानून लागू करने की वकालत करने वाले एक समूह 'इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश' के प्रदर्शनकारी बैनर और तख्तियां लिए हुए थे, जिनमें 'दुनिया के सभी मुसलमानों एकजुट हो जाओ' और 'फ्रांस का बहिष्कार करो' लिखा था.

प्रदर्शनकारी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर का एक बड़ा कट-आउट भी लाए थे, जिसके गले में जूते लटकाए गए थे.

पिछले हफ्ते मैक्रों की टिप्पणी से मुस्लिम-बहुल देश नाराज हो गए, जिसमें उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के कार्टून के प्रकाशन या प्रदर्शन की निंदा करने से इनकार कर दिया था.

चेचन मूल के एक 18 वर्षीय व्यक्ति पर 16 अक्टूबर को पेरिस के पास एक फ्रांसीसी शिक्षक का सिर काटने का आरोप है, जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद के रेखाचित्र दिखाए थे.

पढ़ें - कार्टून विवाद : मैक्रों पर भड़के इमरान, कहा- फैला रहे इस्लामोफोबिया

गौरतलब है कि, फ्रांस धार्मिक व्यंग्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत आने वाली चीजों में से एक मानता है, जबकि कई मुसलमान पैगंबर पर किसी भी कथित व्यंग्य को गंभीर अपराध मानते हैं.

इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के प्रमुख रेजाउल करीम ने फ्रांस से पैगंबर मुहम्मद के किसी भी व्यंग्य चित्र को प्रदर्शित करने से परहेज करने का आग्रह किया.

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