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नेपाल में नई सरकार के संकेत, एनसीपी में दरार के बीच राष्ट्रपति से मिले 'प्रचंड'

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Published : Jul 3, 2020, 2:56 AM IST

नेपाल में नई सरकार बनाने की कवायद तेज होने के संकेत मिल रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने राष्ट्रपति से भेंट की है. इससे पहले यह खबरें सामने आ चुकी हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में मतभेद साफ तौर पर सामने आ गए हैं. कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने वर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा मांगा है.

prachand meets president
नेपाल में राष्ट्रपति से मिले प्रचंड

काठमांडू : नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में खुल कर सामने आई दरार के बीच पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने गुरुवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की.

भंडारी द्वारा कैबिनेट की अनुशंसा पर संसद के बजट सत्र को स्थगित करने की घोषणा के कुछ घंटे के बाद प्रचंड ने राष्ट्रपति से मुलाकात की.

'माई रिपब्लिका' की खबर के अनुसार माना जा रहा है कि एनसीपी की पूर्व नेता रही भंडारी ने सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर दरार के बारे में जानकारी ली है.

इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और उनसे बजट सत्र को स्थगित करने का अनुरोध किया था.

इससे पहले काठमांडू स्थित राजनीतिक विश्लेषक हरि रोका ने ईटीवी भारत को बताया कि फिलहाल ओली के पास दो ही विकल्प बचे हैं. या तो वह प्रधानमंत्री पद या फिर पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें.

यह भी पढ़ें: नेपाल के प्रधानमंत्री ओली पर पद छोड़ने का दबाव, उठा सकते हैं यह कदम

काठमांडू के पत्रकार ने फोन पर बताया कि ओली के लिए अंतिम विकल्प पार्टी को विभाजित करना है.

काठमांडू : नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में खुल कर सामने आई दरार के बीच पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने गुरुवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की.

भंडारी द्वारा कैबिनेट की अनुशंसा पर संसद के बजट सत्र को स्थगित करने की घोषणा के कुछ घंटे के बाद प्रचंड ने राष्ट्रपति से मुलाकात की.

'माई रिपब्लिका' की खबर के अनुसार माना जा रहा है कि एनसीपी की पूर्व नेता रही भंडारी ने सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर दरार के बारे में जानकारी ली है.

इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और उनसे बजट सत्र को स्थगित करने का अनुरोध किया था.

इससे पहले काठमांडू स्थित राजनीतिक विश्लेषक हरि रोका ने ईटीवी भारत को बताया कि फिलहाल ओली के पास दो ही विकल्प बचे हैं. या तो वह प्रधानमंत्री पद या फिर पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें.

यह भी पढ़ें: नेपाल के प्रधानमंत्री ओली पर पद छोड़ने का दबाव, उठा सकते हैं यह कदम

काठमांडू के पत्रकार ने फोन पर बताया कि ओली के लिए अंतिम विकल्प पार्टी को विभाजित करना है.

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