न्यू यॉर्क : भारत ने सोमालिया में चुनाव कराने को लेकर जारी राजनीतिक गतिरोध को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि यह विलंब अल-शबाब और अन्य सशस्त्र समूहों को पनपने और उन्हें अपने आतंकवादी कृत्य जारी रखने का मौका देगा, जो अब तक लोकतंत्र के जरिए हासिल की गई प्रगति के लिए खतरा है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सोमालिया के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में सोमवार को कहा, 'आज सोमालिया को फिर से एक राजनीतिक गतिरोध का सामना करना पड़ रहा है, जो स्थिरीकरण को प्राप्त करने की दिशा में हाल के वर्षों में हुई प्रगति के लिए खतरा है. चुनाव कराने को लेकर राजनीतिक गतिरोध वास्तव में निराशाजनक है.'
उन्होंने कहा कि सोमालिया की संघीय सरकार और संघीय सदस्य राज्यों के बीच पिछले साल सितम्बर में हुए समझौते को पांच महीने से अधिक समय हो गया है.
उन्होंने कहा कि हालांकि हमारी उम्मीद के विपरीत सोमालिया के नेताओं के बीच पहले 15 फरवरी को और फिर 18-19 फरवरी को प्रस्तावित बैठक नहीं हुई.
तिरुमूर्ति ने इस बात पर जोर दिया कि सोमालिया के नेता रचनात्मक बातचीत के जरिए उन मुद्दों को हल करें, जिनके कारण चुनावों में देरी हो रही है.
उन्होंने कहा, 'हम नेताओं के जल्द चुनाव कराने की दिशा में फैसला करने की उम्मीद कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'चुनाव कराने में जितनी देरी होगी, स्थिति उतनी ही जटिल हो जाएगी.'
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तिरुमूर्ति ने कहा , 'यह विलंब अल-शबाब और अन्य सशस्त्र समूहों को पनपने और उन्हें अपने आतंकवादी कृत्य जारी रखने का मौका देगा, जो अब तक लोकतंत्र के जरिए हासिल की गई प्रगति के लिए खतरा है.'
उन्होंने कहा कि भारत सोमालिया के सभी नेताओं से इस महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौरान हिंसा का सहारा न लेने और इसके बजाए बातचीत एवं सुलह को बढ़ावा देने का आग्रह करता है.