इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा अल-कायदा के मारे गए आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद बताने के एक वर्ष बाद पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने रविवार को स्पष्ट किया कि यह जुबान की फिसलन थी. खान ने पिछले वर्ष 25 जून को संसद में कहा था कि अमेरिकी सुरक्षा बल पाकिस्तान में घुसे और सरकार को सूचना दिए बगैर बिन लादेन को मार दिया, जिसके बाद हर किसी ने देश को गाली देना शुरू कर दिया.
खान ने कहा था, मेरा मानना है कि ऐसा कोई देश नहीं है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का समर्थन किया और उसे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. अफगानिस्तान में अमेरिका की विफलता के लिए खुलेआम पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा दिया गया. उन्होंने सांसदों से कहा, पूरी दुनिया में पाकिस्तानियों के लिए शर्मिंदगी की बात थी कि अमेरिकी आए और ओसामा बिन लादेन को ऐबटाबाद में मार दिया. उन्हें शहीद कर दिया. इसके बाद पूरी दुनिया ने हमें गाली देना शुरू कर दिया. हमारे सहयोगी हमारे देश के अंदर आए और हमें सूचना दिए बगैर किसी को मार दिया और आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में 70 हजार पाकिस्तानी मारे गए उनके इस बयान की विपक्ष एवं मीडिया ने आलोचना की थी.
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जुबान की फिसलन
दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादी बिन लादेन को अमेरिका के नेवी सील ने एक गोपनीय सैन्य अभियान में मई 2011 में ऐबटाबाद में मार गिराया था. कार्यक्रम ‘जिरगा’ में रविवार को सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने खान की विवादास्पद टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, यह जुबान की फिसलन थी, उन्होंने इसे स्पष्ट किया था. विवाद पिछले हफ्ते फिर सामने आया, जब विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान के एक साक्षात्कार में ओसामा बिन लादेन को आतंकवादी कहने से इंकार कर दिया.
दुनिया में गलत संदेश
कुरैशी इस अवसर का उपयोग कर स्पष्ट कर सकते थे कि पाकिस्तान अल-कायदा के मारे जा चुके सरगना को आतंकवादी मानता है. बहरहाल, उनके बयान से दुनिया में गलत संदेश गया.
सूचना मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रवक्ता ने बयान के बाद एक स्पष्टीकरण जारी किया था.