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पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने की बलूचिस्तान के दो छात्रों की हत्या

बलूचिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान का अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा. ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दो बलूच छात्रों की हत्या कर दी. सूत्रों ने बता कि वह बलूचिस्तान में हो रहे मानावाधिकारों के उल्लंघन का विरोध कर रहे थे.

baloch activist killed by pak
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : May 4, 2020, 1:13 PM IST

कलात (बलूचिस्तान) : पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान के दो छात्रों, शाहद बलूच और एहसान बलूच की हत्या कर दी. वह दोनों इस्लामाबाद स्थित कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय के छात्र थे. वह पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और वहां के लोगों के मनावाधिकारों के घोर उल्लंघन का विरोध करते थे.

सूत्रों ने बताया कि वह दोनों मेधावी छात्र थे और वह पिछले साल बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) में शामिल होने के लिए मजबूर हो गए थे. बलूच लिबरेशन आर्मी स्वतंत्रता समर्थक संगठन है, जो देश में बलूच लोगों के खिलाफ हो रही क्रूरता और भेदभाव का विरोध करता है.

एक बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता अब्दुल्ला अब्बास बलूच ने कहा कि उन्हें शाहद बलूच के बारे में सोशल मीडिसे से पता चला था. उसने बलूच लोगों के पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद उसे प्रताड़ित किया गया था.

बलूचिस्तान में लगातार बढ़ती गरीबी, मानावाधिकार के उल्लंघन और बलूच महिलाओं के खिलाफ होने वाले जघन्य अपराधों के चलते बड़ी संख्या में बलूचिस्तान के पढ़े-लिखे युवाओं ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं.

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मार्च 2015 में शाहद को गिरफ्तार कर लिया था और उसे प्रताड़ित करने के बाद छोड़ दिया था.

बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध है, लेकिन यह पाकिस्तान का सबसे पिछड़ा प्रांत है. पाकिस्तान और चीन मिलकर यहां के संसाधनों को दोहन कर रहे हैं. लोगों ने इसका विरोध किया. कुछ ने तो हथियारों का सहारा लिया है और पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें-कुलभूषण की रिहाई पाक के लिए अहंकार का मुद्दा, बातचीत के बाद भी नहीं छोड़ा

कलात (बलूचिस्तान) : पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान के दो छात्रों, शाहद बलूच और एहसान बलूच की हत्या कर दी. वह दोनों इस्लामाबाद स्थित कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय के छात्र थे. वह पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और वहां के लोगों के मनावाधिकारों के घोर उल्लंघन का विरोध करते थे.

सूत्रों ने बताया कि वह दोनों मेधावी छात्र थे और वह पिछले साल बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) में शामिल होने के लिए मजबूर हो गए थे. बलूच लिबरेशन आर्मी स्वतंत्रता समर्थक संगठन है, जो देश में बलूच लोगों के खिलाफ हो रही क्रूरता और भेदभाव का विरोध करता है.

एक बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता अब्दुल्ला अब्बास बलूच ने कहा कि उन्हें शाहद बलूच के बारे में सोशल मीडिसे से पता चला था. उसने बलूच लोगों के पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद उसे प्रताड़ित किया गया था.

बलूचिस्तान में लगातार बढ़ती गरीबी, मानावाधिकार के उल्लंघन और बलूच महिलाओं के खिलाफ होने वाले जघन्य अपराधों के चलते बड़ी संख्या में बलूचिस्तान के पढ़े-लिखे युवाओं ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं.

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मार्च 2015 में शाहद को गिरफ्तार कर लिया था और उसे प्रताड़ित करने के बाद छोड़ दिया था.

बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध है, लेकिन यह पाकिस्तान का सबसे पिछड़ा प्रांत है. पाकिस्तान और चीन मिलकर यहां के संसाधनों को दोहन कर रहे हैं. लोगों ने इसका विरोध किया. कुछ ने तो हथियारों का सहारा लिया है और पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं.

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