पेरिस : फाइनेंशियन एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखा है. क्योंकि वह तीन प्रमुख कार्यों को पूरा करने में विफल रहा है. एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र के नामित आतंकवादियों, उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए अपनी कार्य योजना में शेष तीन कार्यों को लागू करने पर काम करना जारी रखना चाहिए.
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को सभी 1267 और 1373 नामित आतंकवादियों के खिलाफ लक्षित वित्तीय प्रतिबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन का प्रदर्शन करना चाहिए.
बता दें कि पेरिस स्थित वित्तीय कार्यबल (एफएटीएफ) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा था और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में कोविड-19 महामारी के कारण यह समयसीमा बढ़ा दी गई थी.
इससे पहले अक्टूबर 2020 में आयोजित अंतिम पूर्णसत्र में, एफएटीएफ ने निष्कर्ष निकाला था कि पाकिस्तान फरवरी 2021 तक अपनी ग्रे लिस्ट में जारी रहेगा, क्योंकि यह वैश्विक धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी के 27 में से छह दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है. उसके अनुसार इसमें भारत के दो सबसे वांछित आतंकवादी - जैश-ए मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई भी शामिल है.
अजहर और सईद भारत में कई आतंकवादी कृत्यों में उनकी संलिप्तता के लिए सबसे वांछित आतंकवादी हैं, जिनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला और पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आतंकी हमला शामिल हैं.
इन घटनाक्रमों से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने शनिवार को अखबार को बताया कि पाकिस्तान ने छह सिफारिशों का अनुपालन किया है और एफएटीएफ सचिवालय को विवरण भी प्रस्तुत कर दिया है.
सूत्र ने कहा कि अब सदस्य बैठक के दौरान पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करेंगे. सूत्र ने कहा कि निर्णय सदस्यों के बीच आम सहमति से लिया जाएगा.
अखबार ने एफएटीएफ को कवर करने वाले एक पत्रकार के हवाले से कहा कि कुछ यूरोपीय देशों, विशेष रूप से मेजबान फ्रांस ने, एफएटीएफ को पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बनाये रखने की सिफारिश की और यह रुख अपनाया है कि इस्लामाबाद द्वारा सभी बिंदु पूरी तरह से लागू नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अन्य यूरोपीय देश भी फ्रांस का समर्थन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कार्टून मुद्दे पर इस्लामाबाद की हालिया प्रतिक्रिया से फ्रांस खुश नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पेरिस में एक नियमित राजदूत भी तैनात नहीं किया.
अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले के आरोपियों को बरी किए जाने को लेकर अमेरिका ने भी चिंता जताई है. यह आशंका है कि अमेरिका पाकिस्तान को इस साल कम से कम जून तक ‘ग्रे लिस्ट’ में जारी रखने की पैरवी भी कर सकता है.