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पाकिस्तान में मानसिक रोगी को मंगलवार को दी जाएगी फांसी - hanging in Pakistan

13 साल से जेल में बंद अब्बास नाम के मानसिक रोगी द्वारा पड़ोसी को चाकू मारने के आरोप में मंगलवार को पाकिस्तान में फांसी दी जाएगी.

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Published : Jun 17, 2019, 9:21 AM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने मानसिक रूप से बीमार एक दोषी को 18 जून को फांसी देने का आदेश दिया है.

डॉन न्यूज के अनुसार, शनिवार को जारी एक बयान में जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान (जेपीपी) ने सरकार से 36 वर्षीय गुलाम अब्बास की फांसी पर रोक लगाने और मामले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

दरअसल, 2004 में अब्बास नाम के एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी को चाकू मार दिया था, जिसके चलते 2006 में जिला एवं सत्र अदालत ने अब्बास को मौत की सजा सुनाई थी.

गौरतलब यह है कि सजा पाने वाला अब्बास पिछले 13 साल से जेल में सजा काट रहा है.

बता दें कि अब्बास के लिए एक नई दया याचिका दायर की गई थी जिसमें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से उसकी फांसी की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था.
इस मामले पर जेपीपी ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'अब्बास की फांसी पर जरूर रोक लगाई जानी चाहिए और व्यापक जांच के लिए उसे मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए.'

पढ़ें- खराब हो सकती है PAK की वित्तीय स्थिति, FATF के 25 बिंदुओं पर नहीं की कार्रवाई

इस मामले पर मनोचिकित्सक मलिक हुसैन मुब्बशर, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में इस मामले में सहायता करने के लिए नियुक्त किया है.

मुब्बशर ने कहा, ' मेडिकल परीक्षण के रिकॉर्ड से पता चला है कि जेल प्रशासन ने इलाज के लिए उसे तेज एंटी-साइकोटिक दवाईयां दी हैं.'

उन्होंने कहा कि अब्बास की मानसिक बीमारी अनुवांशिक है क्योंकि उसका पारिवारिक इतिहास मानसिक बीमारी का रहा है.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने मानसिक रूप से बीमार एक दोषी को 18 जून को फांसी देने का आदेश दिया है.

डॉन न्यूज के अनुसार, शनिवार को जारी एक बयान में जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान (जेपीपी) ने सरकार से 36 वर्षीय गुलाम अब्बास की फांसी पर रोक लगाने और मामले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

दरअसल, 2004 में अब्बास नाम के एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी को चाकू मार दिया था, जिसके चलते 2006 में जिला एवं सत्र अदालत ने अब्बास को मौत की सजा सुनाई थी.

गौरतलब यह है कि सजा पाने वाला अब्बास पिछले 13 साल से जेल में सजा काट रहा है.

बता दें कि अब्बास के लिए एक नई दया याचिका दायर की गई थी जिसमें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से उसकी फांसी की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था.
इस मामले पर जेपीपी ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'अब्बास की फांसी पर जरूर रोक लगाई जानी चाहिए और व्यापक जांच के लिए उसे मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए.'

पढ़ें- खराब हो सकती है PAK की वित्तीय स्थिति, FATF के 25 बिंदुओं पर नहीं की कार्रवाई

इस मामले पर मनोचिकित्सक मलिक हुसैन मुब्बशर, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में इस मामले में सहायता करने के लिए नियुक्त किया है.

मुब्बशर ने कहा, ' मेडिकल परीक्षण के रिकॉर्ड से पता चला है कि जेल प्रशासन ने इलाज के लिए उसे तेज एंटी-साइकोटिक दवाईयां दी हैं.'

उन्होंने कहा कि अब्बास की मानसिक बीमारी अनुवांशिक है क्योंकि उसका पारिवारिक इतिहास मानसिक बीमारी का रहा है.

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पाकिस्तान में मानसिक रूप से बीमार दोषी को 18 जून को दी जाएगी फांसी



 (11:02) 





इस्लामाबाद, 16 जून (आईएएनएस)| पाकिस्तान की एक अदालत ने मानसिक रूप से बीमार एक दोषी को 18 जून को फांसी देने का आदेश दिया है।





एक मानवाधिकार कानून कंपनी ने यह जानकारी दी है।



डॉन न्यूज के अनुसार, शनिवार को जारी एक बयान में जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान (जेपीपी) ने सरकार से 36 वर्षीय गुलाम अब्बास की फांसी पर रोक लगाने और मामले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।



2004 में एक पड़ोसी को चाकू मारने के आरोप में अब्बास को 31 मई 2006 को जिला एवं सत्र अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।



मौत की सजा पाने वाला अब्बास 13 साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है।



अब्बास के लिए एक नई दया याचिका दायर की गई थी जिसमें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से उसकी फांसी की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।



जेपीपी ने शनिवार को एक बयान में कहा, "अब्बास की फांसी पर जरूर रोक लगाई जानी चाहिए और व्यापक जांच के लिए उसे मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए।"



इस बीच, मनोचिकित्सक मलिक हुसैन मुब्बशर, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में इस मामले में सहायता करने के लिए नियुक्त किया है, उन्होंने कहा, "मेडिकल परीक्षण के रिकॉर्ड से पता चला है कि जेल प्रशासन ने इलाज के लिए उसे तेज एंटी-साइकोटिक दवाईयां दी हैं।"



मुब्बशर ने कहा कि अब्बास की मानसिक बीमारी अनुवांशिक है क्योंकि उसका पारिवारिक इतिहास मानसिक बीमारी का रहा है।


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