इस्लामाबाद : पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में विद्रोही संगठन के हमले में मेजर सहित छह सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान और ईरान के बीच सीमा पर सक्रिय विद्रोही संगठनों की सक्रियता को लेकर बनी तल्खी एक बार फिर सामने आ गई. पाकिस्तानी सेना ने हमले के बाद कहा है कि ईरान से कहा गया है कि 'वह आपसी सम्मान और हस्तक्षेप नहीं करने की नीति पर अमल करे.'
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) ने एक बयान में बताया कि सैन्य प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ आफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाकरी से फोने पर बात की और उनसे कहा कि पाकिस्तान 'आपसी सम्मान, समानता और एक-दूसरे के मामले में दखल नहीं देने की नीति के आधार पर क्षेत्रीय शांति चाहता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल बाजवा ने जनरल बाकरी से बलूच अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा जो कथित रूप से ईरान में पनाह लिए हुए हैं. यह फोने काल बलूचिस्तान में अलगाववादियों के हमले में छह पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद की गई.
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को किए गए इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी. बयान में कहा गया है कि दोनों कमांडर सीमा के दोनों तरफ सुरक्षा को मजबूत करने पर सहमत हुए.
ईरान का मानना रहा है कि उसके खिलाफ सक्रिय 'ईरान के सुन्नी आतंकवादी पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल उस पर हमले के लिए करते हैं.'
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का मानना रहा है कि 'ईरानी एजेंसियों ने बीते कुछ सालों में इन आतंकी हमलों की काट के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय बलूच आतंकियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.' इस वजह से हाल के वर्षो में दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी देखी गई है.