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CAB से इमरान भी विचलित, बोले - अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के खिलाफ है यह विधेयक

लोकसभा से सोमवार को पास हुए नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह बिल कट्टरपंथी हिन्दू विचारधारा को बढ़ावा देता है, और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन करता है.

इमरान खान ( फाइल फोटो)
इमरान खान ( फाइल फोटो)
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Published : Dec 10, 2019, 5:54 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को भारत की लोकसभा में पारित नागरिक संशोधन विधेयक (CAB) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह विधेयक हिन्दुत्व की विचारधारा को बढ़ावा दे रहा है और वह इसकी निंदा करते हैं.

पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन के अनुसार, पीएम इमरान ने मंगलवार को दावा किया कि यह बिल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौतों के सभी मानकों का उल्लंघन करता है.

इसी कड़ी में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान CAB की निंदा करता है क्योंकि यह विधेयक धर्म या आस्था के आधार पर मानव अधिकारों और अन्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है.

बयान में कहा गया है, 'सीएबी हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा को बढ़ावा देता है और क्षेत्र में कट्टरपंथी हिन्दू विचारधारा को बढ़ावा देता है. यह बिल धार्मिक आधार पर पड़ोसी देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की स्पष्ट अभिव्यक्ति है जिसे हम पूरी तरह से खारिज करते हैं.

पढ़ें - मास्को परेड 2020 : 'PM मोदी और भारतीय सेना के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है रूस'

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में सीएबी पेश किया. जो 10 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली चर्चा के बाद मध्यरात्रि के बाद पास हुआ. लोकसभा में इस बिल के समर्थन में 311 और विपक्ष में 80 मत पड़े थे.

इस विधेयक के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक रूप से उत्पीड़ित हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई सम्प्रदाय के नागरिकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को भारत की लोकसभा में पारित नागरिक संशोधन विधेयक (CAB) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह विधेयक हिन्दुत्व की विचारधारा को बढ़ावा दे रहा है और वह इसकी निंदा करते हैं.

पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन के अनुसार, पीएम इमरान ने मंगलवार को दावा किया कि यह बिल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौतों के सभी मानकों का उल्लंघन करता है.

इसी कड़ी में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान CAB की निंदा करता है क्योंकि यह विधेयक धर्म या आस्था के आधार पर मानव अधिकारों और अन्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है.

बयान में कहा गया है, 'सीएबी हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा को बढ़ावा देता है और क्षेत्र में कट्टरपंथी हिन्दू विचारधारा को बढ़ावा देता है. यह बिल धार्मिक आधार पर पड़ोसी देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की स्पष्ट अभिव्यक्ति है जिसे हम पूरी तरह से खारिज करते हैं.

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बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में सीएबी पेश किया. जो 10 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली चर्चा के बाद मध्यरात्रि के बाद पास हुआ. लोकसभा में इस बिल के समर्थन में 311 और विपक्ष में 80 मत पड़े थे.

इस विधेयक के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक रूप से उत्पीड़ित हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई सम्प्रदाय के नागरिकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

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