नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के एयर स्पेस से गुजरते हुए यात्रा की है. पिछले दिनों वे किर्गिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के कार्यक्रम में बिश्केक गई थीं. इसी दौरान सीमित अवधि के लिए पाक ने अपने एयर स्पेस को खोलने का फैसला लिया.
बता दें कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने गत 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर अ-सैन्य कार्रवाई की थी. अब लगभग तीन महीने बाद, पाकिस्तान ने पहली बार अपना हवाई क्षेत्र खोला है.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने सुषमा की यात्रा के संबंध में पाक से अनुरोध किया था. सूत्रों ने यह भी पुष्टि की है कि पाकिस्तान से विशेष अनुमति न मिलने पर सुषमा स्वराज को बिष्टेक तक पहुंचने में आठ घंटे लग सकते थे.
गौरतलब है कि पिछले लगभग तीन महीनों से बंद पाकिस्तानी एयर स्पेस के कारण कई एयरलाइंस और हजारों यात्रियों को नुकसान उठाना पड़ा है. इसका कारण पाकिस्तान का वह फैसला है जिसके तहत भारत जाने वाले किसी भी उड़ान को अनुमति नहीं दी जा रही है.
सूत्रों के अनुसार, भारत पाकिस्तान के बीच व्याप्त तनाव का खामियाजा हर दिन लगभग 350 उड़ानें और हजारों यात्री भुगत रहे हैं.
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सुषमा स्वराज गत 21 मई को किर्गिस्तान के बिश्केक में SCO देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने गई थीं.
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की यहां बैठक में सुषमा स्वराज ने पुलवामा आतंकी हमले के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि बाद में पड़ोसी देश श्रीलंका में हुए आतंकी हमलों ने इस बुराई से लड़ने के लिए और अधिक प्रतिबद्ध किया.
SCO समिट के दौरान पुलवामा हमले के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी पहली बार एक दूसरे के आमने-सामने आए.
एससीओ की बैठक से इतर दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया. दोनों किर्गिस्तान के राष्ट्रपति के साथ बातचीत के दौरान एक-दूसरे के बगल में बैठे.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई और दोनों ने केवल एक-दूसरे का अभिवादन किया.
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद के दोनों देशों के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे. हमले की जिम्मेदारी पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.