इस्लामाबाद : पाकिस्तान की योजना निकट भविष्य में टीकों को खरीदने की नहीं है क्योंकि उसका उद्देश्य सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (हार्ड इम्युनिटी) और चीन जैसे मित्र देशों से दान किए गए टीकों के जरिए कोविड-19 की चुनौती से निपटने का है.
पाकिस्तान ने अभी तक चार टीकों, सिनोफ्राम (चीन), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन), स्पूतनिक-वी (रूस) और कैनसिनो बायो (चीन) का पंजीकरण किया है.
'डॉन' समाचार पत्र की एक खबर के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने बृहस्पतिवार को लोक लेखा समिति (पीएसी) को बताया कि पाकिस्तान सरकार की जल्द से जल्द टीके खरीदने की कोई योजना नहीं है और उसका उद्देश्य कोविड-19 से हार्ड इम्युनिटी और दान किए गए टीकों के जरिए ही निपटने का है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल आमिर आमेर इकराम के अनुसार चीन के टीके कैनसिनो की एक खुराक की कीमत 13 अमेरिकी डॉलर है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दाताओं और चीन जैसे मित्र देशों पर भरोसा कर रहा है.
एनएचएस के सचिव ने पीएसी को बताया कि दूसरे चरण में अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में काम करने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 65 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोग भी टीकाकरण के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस साल सात करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है.
पीएसी के अध्यक्ष राणा तनवीर हुसैन के एक सवाल के जवाब में, एनएचएस के सचिव ने कहा कि पाकिस्तान को मार्च के मध्य तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाये गये एस्ट्राजेनेका टीके की पहली खेप मिलेगी और शेष के जून तक देश में आने की उम्मीद है.
पढ़ें - भारत के समक्ष घुटने टेक रहा पाक, कहा- वार्ता से कभी गुरेज नहीं
उनके अनुसार बुजुर्ग लोगों का टीकाकरण पांच मार्च तक शुरू होने वाला था, हालांकि खेप आने में देरी हुई.
उन्होंने कहा कि एक अन्य चीनी कंपनी ने पाकिस्तान में कैनसिनो टीके के तीसरे चरण का परीक्षण किया था. उन्होंने कहा कि इसमें कुल 18 हजार लोगों को टीका लगाया गया और टीके के प्रभावी होने की दर 85 प्रतिशत रही.
पाकिस्तान में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से 52 और लोगों की मौत हो गई, जबकि मामलों की कुल संख्या बढ़कर 5,87,014 पर पहुंच गई. शुक्रवार को देश में इस महामारी से मृतकों की संख्या 13,128 हो गई.