इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ने एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी पर लगाए गए प्रतिबंध को मंगलवार को बरकरार रखने का फैसला किया. इस पार्टी ने पिछले साल फ्रांस में छापे गए ईशनिंदात्मक चित्र को लेकर मुल्क में हिंसक प्रदर्शन किया था.
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को 14 अप्रैल को आतंकवाद अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था. इससे पहले पार्टी ने तीन दिन तक कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ संघर्ष किया था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी और 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे.
बहरहाल, पार्टी ने अपने प्रतिबंध को चुनौती देते हुए गृह मंत्रालय में एक आवेदन दायर किया. यह याचिका अंतिम निर्णय के लिए मंगलवार को कैबिनेट में आई.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कैबिनेट ने मुद्दे पर सिफारिश करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट की समीक्षा की और प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने टीएलपी पर प्रतिबंध लगाए रखने का फैसला किया.
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चौधरी ने कहा, 'कैबिनेट को बताया गया कि पंजाब सरकार और पार्टी के रुख को सुनने के बाद और मामले की जांच के बाद समिति ने फैसला किया है कि पार्टी पर प्रतिबंध गुण-दोष और तथ्यों पर आधारित है.'
मंत्री ने कहा कि कानून मंत्रालय पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) से पार्टी के चुनाव चिन्ह को रद्द करने को कहेगा.
(पीटीआई- भाषा)