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हाफिज सईद समेत जमात-उद-दावा के 67 नेताओं की याचिका खारिज - 67 नेताओं की याचिका खारिज

पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमले के सरगना हाफिज समेत जमात-उद-दावा के 67 नेताओं की याचिक खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने की अपील की थी. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

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हाफिज सईद.
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Published : Dec 12, 2019, 10:28 PM IST

लाहौर : पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद और गैर-कानूनी संगठन जमात-उद-दावा और उसकी तथाकथित धर्मार्थ संस्था फलाह-ए-इंसानियत के 67 अन्य नेताओं की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में अपने खिलाफ दर्ज 23 प्राथमिकियों को रद्द करने की अपील की थी.

न्यायाधीश मोहम्मद कासिम खान की अध्यक्षता वाली लाहौर उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के वकील प्रत्येक प्राथमिकी के खिलाफ अलग से याचिकाएं दायर कर सकते हैं.

सईद के वकील ए के दोगर ने दलील दी कि जिन संपत्तियों का जिक्र किया गया है, उनका इस्तेमाल कभी भी आतंकवाद के वित्तपोषण के लिये नहीं किया गया और इस तरह के 'झूठे आरोपों' के पक्ष में कोई सबूत मौजूद नहीं है.

उन्होंने कहा कि सईद और जमात के अन्य नेताओं को लश्कर-ए-तैयबा का नेता बताना तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत है.

पढ़ें-पाकिस्तान : 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर आतंक वित्तपोषण मामले में आरोप तय

गौरतलब है कि आतंकवाद रोधी विभाग ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में 23 प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं और 17 जुलाई को सईद को गिरफ्तार कर लिया था. उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में हिरासत में रखा गया है.

लाहौर : पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद और गैर-कानूनी संगठन जमात-उद-दावा और उसकी तथाकथित धर्मार्थ संस्था फलाह-ए-इंसानियत के 67 अन्य नेताओं की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में अपने खिलाफ दर्ज 23 प्राथमिकियों को रद्द करने की अपील की थी.

न्यायाधीश मोहम्मद कासिम खान की अध्यक्षता वाली लाहौर उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के वकील प्रत्येक प्राथमिकी के खिलाफ अलग से याचिकाएं दायर कर सकते हैं.

सईद के वकील ए के दोगर ने दलील दी कि जिन संपत्तियों का जिक्र किया गया है, उनका इस्तेमाल कभी भी आतंकवाद के वित्तपोषण के लिये नहीं किया गया और इस तरह के 'झूठे आरोपों' के पक्ष में कोई सबूत मौजूद नहीं है.

उन्होंने कहा कि सईद और जमात के अन्य नेताओं को लश्कर-ए-तैयबा का नेता बताना तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत है.

पढ़ें-पाकिस्तान : 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर आतंक वित्तपोषण मामले में आरोप तय

गौरतलब है कि आतंकवाद रोधी विभाग ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में 23 प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं और 17 जुलाई को सईद को गिरफ्तार कर लिया था. उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में हिरासत में रखा गया है.

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PAK-COURT-JUD
Pak court disposes of petition of Saeed, 67 JuD leaders
By M Zulqernain
         Lahore, Dec 12 (PTI) A Pakistani court has disposed of the petition of Mumbai attack mastermind Hafiz Saeed and 67 other leaders of the outlawed Jamaat-ud-Dawah (JuD) and its so-called charity wing Falah-i-Insaniat (FIF) seeking cancellation of 23 FIRs registered against them on charges of using different properties for terror financing.
          On Wednesday, a two-judge bench of the Lahore High Court headed by Justice Mohammad Qasim Khan while disposing of the petition observed that the petitioner's counsel might file separate petitions against each FIR.
          Saeed's counsel A K Dogar argued that the properties in question had never been used for terror financing as there was no tangible evidence on record to support such "bald allegations".
          He said that describing Saeed and other JuD leaders as being leaders of Lashkar-e-Taiba is "factually and legally incorrect".
          Dogar further said a full bench of the High Court in a case against detention of JuD leaders had already declared in its 2009 judgment that Saeed and others were not members of LeT.
          "The petitioners had never been involved in any activity against the country nor they have links to any terrorist organization, he said.
          "The properties mentioned in the FIRs were dedicated to mosques and being used for the last so many years, he argued.
          A law officer argued about the involvement of Saeed and others in terror financing in the light of the Counter Terrorism Department's evidence.
          After hearing both sides, the court disposed of Saeed's petition and noted that he may file a separate petition against each FIR.
          On Wednesday, Saeed and his three close aides were indicted in terror financing case in the anti-terrorism court, Lahore.
          The CTD had registered 23 FIRs against the petitioners on the charges of "terror financing" in different cities of Punjab province and arrested Saeed on July 17. He is detained at the Kot Lakhpat jail in Lahore.
         Saeed-led JuD is believed to be the front organisation for the Lashkar-e-Taiba which is responsible for carrying out the 2008 Mumbai attacks. The US declared the LeT as a foreign terrorist organisation in June 2014. PTI MZ
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