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कुलभूषण जाधव से जुड़े अध्यादेश को पाक में मंजूरी, हाईकोर्ट में अपील की मिलेगी इजाजत - कुलभूषण जाधव

पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुन: विचार) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है. यह अध्यादेश कुलभूषण जाधव को देश के उच्च न्यायालयों में अपनी सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति देगा.

कुलभूषण जाधव
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Published : Jun 10, 2021, 10:54 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 10:58 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुन: विचार) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है. यह कुलभूषण जाधव को देश के उच्च न्यायालयों में अपनी सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति देगा.

2020 में इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद कुलभूषण जाधव के मामले में ICJ के फैसले के मद्देनजर नेशनल असेंबली में एक अध्यादेश पेश किया था और पिछले साल 20 मई को 'इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस रिव्यू एंड रिकॉन्सिडरेशन ऑर्डिनेंस 2020' अधिनियमित किया गया था.

इससे पहले अक्टूबर, 2020 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि कुलभूषण जाधव को एक और कांसुलर एक्सेस के लिए इस्लामाबाद की पेशकश को लेकर भारत इसलिए अनिच्छुक है, क्योंकि वह इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जाना चाहता है.

उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान दुश्मन की चाल को समझता है. भारत आईसीजे में गया, लेकिन असफल रहा, जबकि पाकिस्तान ने आईसीजे के फैसले का अनुपालन किया.'

उन्होंने कहा, 'भारत पाकिस्तान को वापस आईसीजे में घसीटना चाहता है. पाकिस्तान इस तरह के प्रयास में भारत को सफल नहीं होने देने के उपाय करेगा.'

पढ़ें - जाधव मामले में कानूनी कार्यवाही में सहयोग करे भारत : पाकिस्तानी अदालत

कुरैशी ने कहा कि जब तक भारत पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति को बदलने के फैसले को पलट नहीं देता, तब तक नई दिल्ली के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती है.

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (51) को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवादी के आरोपों पर अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी.

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुन: विचार) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है. यह कुलभूषण जाधव को देश के उच्च न्यायालयों में अपनी सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति देगा.

2020 में इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद कुलभूषण जाधव के मामले में ICJ के फैसले के मद्देनजर नेशनल असेंबली में एक अध्यादेश पेश किया था और पिछले साल 20 मई को 'इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस रिव्यू एंड रिकॉन्सिडरेशन ऑर्डिनेंस 2020' अधिनियमित किया गया था.

इससे पहले अक्टूबर, 2020 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि कुलभूषण जाधव को एक और कांसुलर एक्सेस के लिए इस्लामाबाद की पेशकश को लेकर भारत इसलिए अनिच्छुक है, क्योंकि वह इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जाना चाहता है.

उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान दुश्मन की चाल को समझता है. भारत आईसीजे में गया, लेकिन असफल रहा, जबकि पाकिस्तान ने आईसीजे के फैसले का अनुपालन किया.'

उन्होंने कहा, 'भारत पाकिस्तान को वापस आईसीजे में घसीटना चाहता है. पाकिस्तान इस तरह के प्रयास में भारत को सफल नहीं होने देने के उपाय करेगा.'

पढ़ें - जाधव मामले में कानूनी कार्यवाही में सहयोग करे भारत : पाकिस्तानी अदालत

कुरैशी ने कहा कि जब तक भारत पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति को बदलने के फैसले को पलट नहीं देता, तब तक नई दिल्ली के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती है.

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (51) को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवादी के आरोपों पर अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी.

Last Updated : Jun 11, 2021, 10:58 AM IST
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