इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को और तीन साल के लिए सेवा विस्तार दे दिया गया है. मीडिया रिपोर्टो में कहा जा रहा है कि क्षेत्र के मौजूदा सुरक्षा हालात के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.
वहीं इसकी एक वजह यह भी बताई गई है कि प्रधानमंत्री इमरान खान और बाजवा घनिष्ठ सहयोग के साथ काम कर रहे हैं और उसी को देखते हुए उनके कार्यकाल को विस्तार देने का फैसला किया गया है. बता दें, बाजवा को इस वर्ष नवंबर में रिटायर होना था.
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक संक्षिप्त अधिसूचना के अनुसार, 'जनरल कमर जावेद बाजवा को मौजूदा कार्यकाल की समाप्ति की तारीख से और तीन साल का सेवा विस्तार दिया जाता है.'
एक समाचारपत्र ने बताया है कि क्षेत्र के सुरक्षा माहौल के मद्देनजर यह फैसला किया गया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फैसला प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा किया गया. बाजवा के सेवा विस्तार पर टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि क्षेत्रीय स्थिति के कारण यह जरूरी था.
रावलपिंडी के कोर कमांडर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके जनरल बाजवा को कश्मीर और नियंत्रण रेखा से जुड़े मसलों से निपटने का खासा लंबा अनुभव रहा है. जनरल बाजवा ने न्यायपालिका और सुरक्षा नीति समेत सरकार पर सेना की पकड़ को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.
बाजवा को कश्मीर मसले पर भारत को भड़काने वाले बयान देने के लिए भी जाना जाता है. ऐसे ही एक बयान में उन्होंने कहा था कि कश्मीर की सचाई न तो 1947 के 'कागज के अवैध टुकड़े' से बदली जा सकी थी और न ही 'अब या भविष्य में' किसी कार्रवाई से बदली जाएगी.
बाजवा ने 14 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा था, 'कश्मीर पर कभी समझौता नहीं हो सकता.' इस समय जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा जनरल बाजवा को नवंबर 2016 में सेना प्रमुख बनाया गया था. 58 वर्षीय बाजवा के इस साल सेवानिवृत होने की संभावना थी.
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इससे पूर्व, ऐसी खबरें आ रही थीं कि प्रधानमंत्री खान, बाजवा को तीन साल का सेवा विस्तार दे सकते हैं. दोनों के बीच तालमेल भी काफी देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि बाजवा, खान की पहली अमेरिका यात्रा के समय उनके साथ गए थे जहां प्रधानमंत्री ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी.
खान ने एक अभूतपूर्व कदम के तहत बाजवा को राष्ट्रीय विकास परिषद का सदस्य भी मनोनीत किया था. पाकिस्तान में सेना प्रमुख के पद पर नियुक्ति प्रधानमंत्री और उनकी सरकार का विशेषाधिकार होती है. यहां सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को सेना प्रमुख बनाने की परंपरा का पालन नहीं किया जाता.
गौरतलब है, बाजवा को ऐसे समय में सेवा विस्तार दिया गया है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध खराब दौर से गुजर रहे हैं.
कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के भारत के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ अपने राजनयिक संबंधों का दर्जा कम करने का फैसला किया था और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था.
इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने कारोबारी रिश्तों पर भी विराम लगा दिया. उधर, भारत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को साफ शब्दों में कह चुका है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने का उसका फैसला पूरी तरह उसका आंतरिक मामला है. भारत ने पाकिस्तान को भी सलाह दी है कि वह सचाई को स्वीकार करें.