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पाक में विपक्षी दलों के 450 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज

पाकिस्तान में 20 सितंबर को विपक्षी पार्टियां सरकार विरोधी रैली निकाल रही हैं. रैली से पहले विपक्षी दलों के 450 से अधिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

बिलावल भुट्टो जरदारी
बिलावल भुट्टो जरदारी
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Published : Oct 15, 2020, 6:56 PM IST

लाहौर : पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ शुक्रवार को होने वाली पहली महारैली से पहले लाहौर और पंजाब प्रांत के अन्य इलाकों में विपक्षी पार्टियों के 450 से अधिक कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया है.

प्रधानमंत्री इमरान खान को अपदस्थ करने के लिये बना एक गठबंधन यह महारैली करने जा रहा है.

पाकिस्तान की 11 बड़ी विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने 20 सितंबर को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के गठन की घोषणा की थी.

साथ ही, एक कार्रवाई योजना के तहत तीन चरणों में सरकार विरोधी आंदोलन की घोषणा भी की गई थी, जिसकी शुरूआत देशव्यापी जनसभाओं, प्रदर्शनों और रैलियों से होने की बात कही गई थी. इसके बाद जनवरी 2021 में इस्लामाबाद की ओर एक निर्णायक लॉंग मार्च किये जाने की योजना है.

पहली सरकार विरोध रैली शुक्रवार को लाहौर से करीब 80 किमी दूर गुजरांवाला शहर में होने का कार्यक्रम है. इसके बाद 18 अक्टूबर को कराची में, क्वेटा में 25 अक्टूबर को, पेशावर में 22 नवंबर को, मुल्तान में 30 नवंबर को और फिर 13 दिसंबर को लाहौर में एक रैली होने का कार्यक्रम है.

विपक्षी नेताओं ने यह घोषणा की है कि वे चयनित प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने के लिये सभी राजनीतिक एवं लोकतांत्रिक विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे. इनमें अविश्वास प्रस्ताव लाना और संसद से बड़े पैमाने पर इस्तीफा देना भी शामिल है.

विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि देश की सेना ने 2018 के चुनावों में हेरफेर और धांधली की जिसके चलते इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी सत्ता में आई.

विपक्षी पार्टियां देश के हालिया इतिहास में पहली बार राजनीति एवं चुनावों में सेना की दखलंदाजी का खुल कर कर विरोध कर रही हैं.

पीडीएम में मूल रूप से मुख्यधारा की तीन विपक्षी पार्टियां नवाज शरीफ की पीएमएल-एन, बिलावल भुट्टो जरदारी की पीपीपी और मौलाना फजलुर रहमान की जमियत उलेमा ए इस्लाम फजल शामिल हैं.

इस बीच, पीडीएम के सरकार विरोधी प्रथम बड़े शक्ति प्रदर्शन से पहले पंजाब पुलिस हरकत में आ गई और उसने पंजाब प्रांत के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 उल्लंघन के तहत विपक्षी पार्टियों के 450 से अधिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं , जिनमें ज्यादातर पीएमएल-एन के हैं. साथ ही, पीडीएम के दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है.

यह भी पढ़ें- राजनीतिक अस्थिरता के बीच किर्गिस्तान के राष्ट्रपति का इस्तीफा

गुजरांवाला, मंडी बहुद्दीन और लाहौर के पुलिस थानों में 450 से अधिक विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं. ये मामले कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किये बगैर सार्वजनिक रूप से एकत्र होने को लेकर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 269 और 188 के तहत दर्ज किये गये हैं.

पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ट्वीट कर कहा कि पुलिस को पीडीएम नेताओं को गिरफ्तार करने से दूर रहना चाहिए.

पूर्व प्रधानमंत्री एवं पीडीएम नेता शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि इस सरकार द्वारा पैदा की गई अभूतपूर्व महंगाई और बेरोजगारी के चलते लोगों के लिए अपने परिवारों का पेट पालना मुश्किल हो रहा है. पाकिस्तान के इतिहास में यह सबसे भ्रष्ट सरकार है.

इस बीच, सरकार ने विपक्ष को गुजरांवाला स्टेडियम में इस शर्त के साथ रैली करने की इजाजत दे दी है कि सेना और न्यायपालिका के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.

लाहौर : पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ शुक्रवार को होने वाली पहली महारैली से पहले लाहौर और पंजाब प्रांत के अन्य इलाकों में विपक्षी पार्टियों के 450 से अधिक कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया है.

प्रधानमंत्री इमरान खान को अपदस्थ करने के लिये बना एक गठबंधन यह महारैली करने जा रहा है.

पाकिस्तान की 11 बड़ी विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने 20 सितंबर को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के गठन की घोषणा की थी.

साथ ही, एक कार्रवाई योजना के तहत तीन चरणों में सरकार विरोधी आंदोलन की घोषणा भी की गई थी, जिसकी शुरूआत देशव्यापी जनसभाओं, प्रदर्शनों और रैलियों से होने की बात कही गई थी. इसके बाद जनवरी 2021 में इस्लामाबाद की ओर एक निर्णायक लॉंग मार्च किये जाने की योजना है.

पहली सरकार विरोध रैली शुक्रवार को लाहौर से करीब 80 किमी दूर गुजरांवाला शहर में होने का कार्यक्रम है. इसके बाद 18 अक्टूबर को कराची में, क्वेटा में 25 अक्टूबर को, पेशावर में 22 नवंबर को, मुल्तान में 30 नवंबर को और फिर 13 दिसंबर को लाहौर में एक रैली होने का कार्यक्रम है.

विपक्षी नेताओं ने यह घोषणा की है कि वे चयनित प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने के लिये सभी राजनीतिक एवं लोकतांत्रिक विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे. इनमें अविश्वास प्रस्ताव लाना और संसद से बड़े पैमाने पर इस्तीफा देना भी शामिल है.

विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि देश की सेना ने 2018 के चुनावों में हेरफेर और धांधली की जिसके चलते इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी सत्ता में आई.

विपक्षी पार्टियां देश के हालिया इतिहास में पहली बार राजनीति एवं चुनावों में सेना की दखलंदाजी का खुल कर कर विरोध कर रही हैं.

पीडीएम में मूल रूप से मुख्यधारा की तीन विपक्षी पार्टियां नवाज शरीफ की पीएमएल-एन, बिलावल भुट्टो जरदारी की पीपीपी और मौलाना फजलुर रहमान की जमियत उलेमा ए इस्लाम फजल शामिल हैं.

इस बीच, पीडीएम के सरकार विरोधी प्रथम बड़े शक्ति प्रदर्शन से पहले पंजाब पुलिस हरकत में आ गई और उसने पंजाब प्रांत के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 उल्लंघन के तहत विपक्षी पार्टियों के 450 से अधिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं , जिनमें ज्यादातर पीएमएल-एन के हैं. साथ ही, पीडीएम के दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है.

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गुजरांवाला, मंडी बहुद्दीन और लाहौर के पुलिस थानों में 450 से अधिक विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं. ये मामले कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किये बगैर सार्वजनिक रूप से एकत्र होने को लेकर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 269 और 188 के तहत दर्ज किये गये हैं.

पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ट्वीट कर कहा कि पुलिस को पीडीएम नेताओं को गिरफ्तार करने से दूर रहना चाहिए.

पूर्व प्रधानमंत्री एवं पीडीएम नेता शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि इस सरकार द्वारा पैदा की गई अभूतपूर्व महंगाई और बेरोजगारी के चलते लोगों के लिए अपने परिवारों का पेट पालना मुश्किल हो रहा है. पाकिस्तान के इतिहास में यह सबसे भ्रष्ट सरकार है.

इस बीच, सरकार ने विपक्ष को गुजरांवाला स्टेडियम में इस शर्त के साथ रैली करने की इजाजत दे दी है कि सेना और न्यायपालिका के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.

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