संयुक्त राष्ट्र : विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि सर्वसम्मत बहुपक्षीय कार्यढांचे के जरिए ही परमाणु निरस्त्रीकरण को हासिल किया जा सकता है और भारत परमाणु हथियार रखने वाले देशों के बीच भरोसा कायम करने के लिए अर्थपूर्ण वार्ता की आवश्यकता को लेकर आश्वस्त है. उन्होंने कहा कि भारत परमाणु हथियार रखने वाले देशों के खिलाफ परमाणु हथियारों का 'पहले इस्तेमाल नहीं' करने की नीति का समर्थन करता है.
उच्च स्तरीय डिजिटल पूर्ण बैठक
श्रृंगला ने 'परमाणु हथियारों को पूरी तरह समाप्त करने' के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की खातिर उच्च स्तरीय डिजिटल पूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सार्वभौमिक, सत्यापन योग्य और भेदभाव रहित परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी पुरानी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, ताकि निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले विशेष सत्र के अंतिम दस्तावेज (एसएसओडी-1) के अनुरूप परमाणु हथियार पूरी तरह नष्ट हो सकें.
अर्थपूर्ण वार्ता की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर भारत के रुख के बारे में 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रथम समिति और 2007 में निरस्त्रीकरण सम्मेलन में सौंपे गए कार्य पत्र में बताया गया था. श्रृंगला ने कहा कि हमारा मानना है कि परमाणु निरस्त्रीकरण को सार्वभौमिक प्रतिबद्धता और सर्वसम्मत बहुपक्षीय खाके के तहत क्रमिक प्रक्रिया के जरिए हासिल किया जा सकता है. भारत परमाणु हथियार रखने वाले सभी देशों के बीच भरोसा कायम करने के लिए अर्थपूर्ण वार्ता की आवश्यकता को लेकर आश्वस्त है.
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर बैठक
श्रृंगला ने कहा कि भारत परमाणु हथियार रखने वाले देशों के खिलाफ (परमाणु हथियारों का) पहले इस्तेमाल नहीं करने और परमाणु हथियार नहीं रखने वाले देशों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने की नीति का समर्थन करता है. यह उच्च स्तरीय बैठक दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर आयोजित की गई.
पढ़ें:प्रशांत क्षेत्र में बढ़ रही चीनी आक्रामकता, क्वाड का उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना : अमेरिका
'अन्य देशों के साथ काम करने को तैयार'
उन्होंने कहा कि आप जो करेंगे, वह बहुत कम होगा, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप करें. उन्होंने कहा कि भारत परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के नेक लक्ष्य को हासिल करने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है.
संगठन की प्राथमिकता
इस समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण संयुक्त राष्ट्र के अस्तित्व में आने के बाद से ही संगठन की प्राथमिकता रहा है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 75 साल बाद भी और हिरोशिमा, नागासाकी में भयावह बमबारी के बाद भी दुनिया परमाणु विनाश के साये में जी रही है.
'परमाणु हथियार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम'
गुतारेस ने कहा कि कुछ देशों को लगता है कि परमाणु हथियार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम हैं. दुर्भाग्य की बात है कि परमाणु हथियारों को पूरी तरह से नष्ट करने की दिशा में प्रगति रुक गई है. उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार रखने वाले देशों के बीच बढ़ते अविश्वास और तनाव के कारण परमाणु हमले का खतरा और बढ़ गया है. हम सभी की सुरक्षा के लिए दुनिया को परमाणु निरस्त्रीकरण के साझे पथ की ओर लौटना चाहिए.