दुबईः सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी नौकरी की पेशकश के झांसे में आने के बाद नौ भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में फंस गये हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केरल के ये सभी लोग अल ऐन और अजमान में फंसे हुए हैं. उनका दावा है कि वे व्हाट्सएप्प के जरिए शफीक नामक एजेंट से मिले थे. इन्होंने वीजा के लिए 70000 रूपये का भुगतान किया था.
यह घटना ऐसे समय में सामने आयी है. जब कुछ महीने पहले दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने नौकरी के इच्छुक लोगों को संयुक्त अरब अमीरात में नौकरी दिलाने के फर्जी इश्तहारों से दूर रहने का आह्वान किया था.
वाणिज्य दूतावास ने कहा कि नौकरी पाने को इच्छुक लोग नौकरी की ऐसी फर्जी पेशकश के जाल में नहीं फंसें तथा वे इस संबंध में वाणिज्य दूतावास से स्पष्टीकरण पा सकते हैं.
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इन नौ में शामिल केरल के मलप्पुरम के निवासी फाजिल ने बताया कि केरल में एक व्हाट्सएप्प संदेश साझा किया जा रहा था कि 15 दिनों के अंदर संयुक्त अरब अमीरात में नौकरी पाएं. और मुझे भी यह अग्रसारित मैसेज मिला. मैंने सोचा कि यह सही होगा. क्योंकि कई लोग रूचि ले रहे थे.
उसने कहा कि उसने एजेंट से बातचीत की थी. जिसने उसे अल ऐन में एक सुपरमार्केट में नौकरी दिलाने का वादा किया.
फाजिल ने बताया कि उसने (एजेंट ने) मुझसे कहा कि मुझे 22496 रूपये की तनख्वाह मिलेगी. और मुफ्त खाना-पीना मिलेगा. मैं मुश्किल दौर से गुजर रहा था. और मैंने सोचा कि यह मेरे लिए अच्छी शुरूआत होगी.
इसलिए मैं वहां जाने के लिए पैसे जुटाने के लिए अपनी मां के गहने गिरवी रख दिये. लेकिन मुझे नौकरी नहीं मिली. जब हम लोग 15 जुलाई को अबू धाबी पहुंचे तब उन्होंने अहसास हुआ कि वे ठगे गये हैं.
नौ में से एक अन्य और केरल के कोझिकोड़ के निवासी मोहम्मद रफीक ने बताया कि हवाई अड्डे पर हमें समीर नामक एक स्थानीय एजेंट मिला. जिसने हम में से चार को अजमान और पांच को अल ऐन ले गया. जब हमने उससे नौकरी के बारे में पूछा तो उसने कहा कि सुपरमार्केट का अधिकारी जेल में है. और ऐसे में उन्हें हमारे लिए नयी नौकरी ढूंढनी होगी.
अबू धाबी में भारतीय दूतावास आगे आया है. और उसने इन लोगों को वापस भेजने में मदद की पेशकश की है.