नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के एक नागरिक ने भारत सरकार पर उन्हें बगैर कोई कारण बताए प्रवेश देने से मना करने का आरोप लगाया है. कहा कि इसके चलते वह अपनी भारतीय पत्नी से अलग रह रहे हैं. हालांकि, गृह मंत्रालय ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वीजा शर्तों के उल्लंघन को लेकर उन्हें आने की अनुमति नहीं दी गई है.
कार्ल एडवर्ड राइस ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न से इस बारे में अपील की है और उन्हें काली सूची में डालने के भारत सरकार के फैसले को वापस लेने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है. उन्होंने जन समर्थन जुटाने के लिए एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की है. खुद के ‘कंटेंट क्रिएटर’ होने का दावा करने वाले राइस ने ट्विटर पर अपने जीवन की कहानी का एक वीडियो साझा करते हुए 'आईएमकार्लरॉक' हैंडल से ट्वीट किया कि प्रिय जैसिंडा अर्डर्न, भारत सरकार ने मुझे भारत में प्रवेश करने से रोककर मुझे दिल्ली में रह रही अपनी पत्नी और परिवार से अलग कर दिया है. उन्होंने कारण बताए बगैर मुझे काली सूची में डाल दिया है.
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उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी मनीषा मलिक हरियाणा से हैं और उनकी 2019 में शादी हुई थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि वह पिछले साल कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे और इस रोग से उबरने के बाद उन्होंने संक्रमितों की मदद के लिए दिल्ली में दो बार प्लाज्मा दान किया था. संपर्क किये जाने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वीजा नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन करने को लेकर न्यूजीलैंड के नागरिक को अगले साल तक भारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया है
अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पर्यटन वीजा पर कारोबारी गतिविधियां करते और अन्य वीजा नियमों का उल्लंघन करते पाया गया. वीडियो में राइस ने दावा किया है कि करीब आठ महीने पहले, जब वह दुबई और पाकिस्तान जाने वाले थे, उन्हें हवाईअड्डा पर कहा गया कि उनका भारतीय वीजा रद्द हो गया है. तब उन्होंने गृह मंत्रालय के अधिकारियों और न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायोग से संपर्क कर इसका कारण जानना चाहा था. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी से भी अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. राइस ने कहा कि उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर राहत मांगी है और उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने संबंधी सरकार के फैसले को पलटने का अनुरोध किया है.
(पीटीआई-भाषा)