काठमांडू : नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की आज होने वाली अहम बैठक एक बार फिर टल गई है. इस बैठक में प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के राजनीतिक भविष्य पर फैसला होना था. ओली की कार्यशैली तथा भारत विरोधी बयानों के चलते उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है. गौरतलब है कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक आज होनी थी.
एनसीपी के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा कि भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुए नुकसान को कम करने के लिए पार्टी द्वारा बचाव और राहत कार्य किया जा रहा है. जिस कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एनसीपी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ के हवाले से कहा कि बचाव एवं राहत कार्यों और देशभर में बाढ़ तथा भूस्खलनों से और नुकसान को होने से रोकने के प्रयासों में पार्टी के लगे होने के कारण बैठक टाल दी गई है.
नेपाल के सिंधुपालचौक जिले में गुरुवार को लगातार बारिश से आई बाढ़ में कई मकानों बह गए और एक बच्चे समेत कम से कम दो लोगों की मौत हो गई जबकि 18 अन्य लापता हो गए.
यह पांचवीं बार है जब एनसीपी की बैठक स्थगित हुई है. इससे पहले बुधवार को होने वाली बैठक को शुक्रवार तक के लिए स्थगित किया गया था.
पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड समेत एनसीपी के नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग की है. उनका कहना है कि ओली की भारत विरोधी टिप्पणी ‘न तो राजनीतिक रूप से सही थी और न ही राजनयिक रूप से उचित थी.’
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एनसीपी में ओली और प्रचंड गुटों के बीच मनमुटाव तब और तेज हो गया जब प्रधानमंत्री ने संसद का बजट सत्र स्थगित करने का एकतरफा निर्णय लिया. प्रचंड गुट प्रधानमंत्री पद से ओली के इस्तीफे की मांग कर रहा है. इस गुट ने उनसे प्रधानमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष दोनों ही पदों से इस्तीफा मांगा है, लेकिन ओली कोई भी पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं.