काठमांडू : नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करती है.
इससे पहले शीर्ष अदालत ने सोमवार को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के 21 मई के प्रतिनिध सभा को भंग करने के फैसले को पलट दिया था और विपक्षी नेता शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया था.
निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता राज कुमार श्रेष्ठ ने कहा कि प्रतिनिधि सभा के भंग होने के बाद नवंबर में होने वाले चुनाव फिलहाल नहीं होंगे क्योंकि संसद को बहाल कर दिया गया है.
ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को पांच महीनों में दूसरी बार निचले सदन को भंग कर दिया था और 12 नवंबर और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी. इस कदम के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में 30 याचिकाएं दायर की गई थीं.
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माई रिपब्लिका समाचार वेबसाइट ने श्रेष्ठ को उद्धृत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद, चुनाव की तैयारियों की दिशा में आगे बढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है. आयोग एक बैठक आयोजित करेगा और तैयारियों को स्थगित कर देगा.