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Nepal : चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की तैयारी, संसद में प्रस्ताव दर्ज

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Published : Feb 13, 2022, 2:28 PM IST

Updated : Feb 13, 2022, 10:03 PM IST

नेपाल में मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा (Chief Justice Cholendra Shumsher JB Rana) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है.

Chief Justice Cholendra Shumsher JB Rana
मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा

काठमांडू : नेपाल में संसद सचिवालय में मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा (Chief Justice Cholendra Shumsher JB Rana) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज किया गया है. संसद सचिवालय के प्रवक्ता राजनाथ पांडे ने कहा कि पूर्वाह्न 11 बजे महाभियोग का प्रस्ताव दर्ज किया गया. जस्टिस चोलेंद्र शमशेर पर राजनीति करने के आरोपों के बाद महाभियोग की तैयारी की जा रही है.

नेपाल संसद के अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार ने कहा, 'सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस, माओवादी केंद्र और जनता समाजवादी पार्टी के सांसदों ने मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज किया है.' राणा को प्रतिनिधिसभा में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज होने के बाद पद से निलंबित कर दिया गया है.

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Nepal : चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की तैयारी, संसद में प्रस्ताव दर्ज

गौरतलब है कि राणा ने दो जनवरी, 2019 को प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया था. विधि एवं न्याय मंत्री दिलेंद्र प्रसाद बडू, नेपाली कांग्रेस के सचेतक पुष्पा भुसाल, सीपीएन-माओवादी केंद्र के सचेतक देव गुरुंग सहित सत्तारूढ़ गठबंधन के कुल 98 सांसदों ने प्रधान न्यायाधीश पर महाभियोग दर्ज किये जाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं. महाभियोग प्रस्ताव के दर्ज होने के साथ ही प्रधान न्यायाधीश के स्वत: निलंबन का प्रावधान है.

गुरुंग ने मीडिया से कहा कि शीर्ष न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव दर्ज किया गया है, क्योंकि अदालत ठीक से काम नहीं कर रही थी और प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे. प्रस्ताव में प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ 21 आरोप लगाए गए हैं. आरोपों में लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून के शासन, न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्षता की रक्षा करने में असमर्थ होना शामिल है. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाये गये हैं.

पढ़ें : अमेरिका की नेपाल को दो टूक: समझौता नहीं हुआ तो जिम्मेदार चीन होगा

यदि प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा के सदस्यों की कुल संख्या के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित हो जाता है, तो प्रधान न्यायाधीश को उनके पद से मुक्त कर दिया जाएगा. इस बीच, वरिष्ठ न्यायाधीश दीप कुमार कार्की को सुप्रीम कोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.

बता दें कि 2017 में, तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव दाखिल किया गया था. प्रस्ताव दाखिल होने के बाद उन्हें स्वतः ही पद से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के जरिए कार्की को उनके पद पर बहाल कर दिया गया था. वह कुछ महीनों के बाद सेवानिवृत्त हुई थीं.

(एजेंसी-इनपुट)

काठमांडू : नेपाल में संसद सचिवालय में मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा (Chief Justice Cholendra Shumsher JB Rana) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज किया गया है. संसद सचिवालय के प्रवक्ता राजनाथ पांडे ने कहा कि पूर्वाह्न 11 बजे महाभियोग का प्रस्ताव दर्ज किया गया. जस्टिस चोलेंद्र शमशेर पर राजनीति करने के आरोपों के बाद महाभियोग की तैयारी की जा रही है.

नेपाल संसद के अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार ने कहा, 'सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस, माओवादी केंद्र और जनता समाजवादी पार्टी के सांसदों ने मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज किया है.' राणा को प्रतिनिधिसभा में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज होने के बाद पद से निलंबित कर दिया गया है.

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Nepal : चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की तैयारी, संसद में प्रस्ताव दर्ज

गौरतलब है कि राणा ने दो जनवरी, 2019 को प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया था. विधि एवं न्याय मंत्री दिलेंद्र प्रसाद बडू, नेपाली कांग्रेस के सचेतक पुष्पा भुसाल, सीपीएन-माओवादी केंद्र के सचेतक देव गुरुंग सहित सत्तारूढ़ गठबंधन के कुल 98 सांसदों ने प्रधान न्यायाधीश पर महाभियोग दर्ज किये जाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं. महाभियोग प्रस्ताव के दर्ज होने के साथ ही प्रधान न्यायाधीश के स्वत: निलंबन का प्रावधान है.

गुरुंग ने मीडिया से कहा कि शीर्ष न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव दर्ज किया गया है, क्योंकि अदालत ठीक से काम नहीं कर रही थी और प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे. प्रस्ताव में प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ 21 आरोप लगाए गए हैं. आरोपों में लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून के शासन, न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्षता की रक्षा करने में असमर्थ होना शामिल है. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाये गये हैं.

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यदि प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा के सदस्यों की कुल संख्या के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित हो जाता है, तो प्रधान न्यायाधीश को उनके पद से मुक्त कर दिया जाएगा. इस बीच, वरिष्ठ न्यायाधीश दीप कुमार कार्की को सुप्रीम कोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.

बता दें कि 2017 में, तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव दाखिल किया गया था. प्रस्ताव दाखिल होने के बाद उन्हें स्वतः ही पद से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के जरिए कार्की को उनके पद पर बहाल कर दिया गया था. वह कुछ महीनों के बाद सेवानिवृत्त हुई थीं.

(एजेंसी-इनपुट)

Last Updated : Feb 13, 2022, 10:03 PM IST

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