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नेपाल: चुनाव आयोग बोला-एकीकृत पार्टी का नाम बताएं ओली व प्रंचड की पार्टियां - नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी

नेपाल में जारी सियासी संकट के बीच देश के निर्वाचन आयोग ने ओली व प्रचंड की पार्टियों से उनकी पार्टी का नया नाम सुझाने को कहा है. हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने यूएमएल और माओइस्ट सेंटर का एकीकरण रद्द कर दिया था.

oli and prachand
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Published : Mar 9, 2021, 9:19 PM IST

काठमांडू : नेपाल के निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड की पार्टियों से कहा कि यदि वे फिर से आपस में विलय करना चाहते हैं, तो अपनी एकीकृत पार्टी का एक नया नाम और चुनाव चिह्न सुझाएं.

गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने सीपीएन (यूएमएल) और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) का 2018 में हुआ एकीकरण रद्द कर दिया था. इन दोनों पार्टियों का नेतृत्व क्रमश: ओली और प्रचंड कर रहे थे.

माई रिपब्लिका समाचार पत्र की खबर के मुताबिक आयोग की मंगलवार को हुई एक बैठक के दौरान न्यायालय के फैसले पर अमल करने और दोनों पार्टियों के विलय के बाद गठित हुए एकीकृत दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) को रद्द करने का निर्णय लिया गया.

आयोग ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) की प्रमुख संध्या तिवारी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के अध्यक्ष गोपाल किराती से कहा कि यदि वे नये सिरे से विलय करना चाहते हैं तो वे नया नाम तथा चुनाव चिह्न बताएं.

मई 2018 में दोनों दलों ने आपस में विलय कर एकीकृत 'नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी' का गठन किया था. यह घटनाक्रम, 2017 के आम चुनावों में दोनों पार्टियों के गठबंधन को मिली जीत के बाद हुआ था.

रविवार को न्यायमूर्ति कुमार रेगमी और न्यायमूर्ति बाम कुमार श्रेष्ठ की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) पर वैध अधिकार ऋषिराम कत्तेल को सौंप दिया, जिन्होंने ओली और प्रचंड नीत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के गठन से पहले चुनाव आयोग में पार्टी का पंजीकरण अपने नाम पर कराया था.

ऋषिराम ने एनसीपी का मई 2018 में ओली और प्रचंड के तहत पंजीकरण करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी.

पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग में ऐसी स्थिति में किसी नई पार्टी का पंजीकरण नहीं हो सकता, जब उसी नाम से कोई पार्टी पहले से पंजीकृत हो.

पढ़ें-नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता बनी रहेगी : विशेषज्ञ

काठमांडू : नेपाल के निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड की पार्टियों से कहा कि यदि वे फिर से आपस में विलय करना चाहते हैं, तो अपनी एकीकृत पार्टी का एक नया नाम और चुनाव चिह्न सुझाएं.

गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने सीपीएन (यूएमएल) और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) का 2018 में हुआ एकीकरण रद्द कर दिया था. इन दोनों पार्टियों का नेतृत्व क्रमश: ओली और प्रचंड कर रहे थे.

माई रिपब्लिका समाचार पत्र की खबर के मुताबिक आयोग की मंगलवार को हुई एक बैठक के दौरान न्यायालय के फैसले पर अमल करने और दोनों पार्टियों के विलय के बाद गठित हुए एकीकृत दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) को रद्द करने का निर्णय लिया गया.

आयोग ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) की प्रमुख संध्या तिवारी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के अध्यक्ष गोपाल किराती से कहा कि यदि वे नये सिरे से विलय करना चाहते हैं तो वे नया नाम तथा चुनाव चिह्न बताएं.

मई 2018 में दोनों दलों ने आपस में विलय कर एकीकृत 'नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी' का गठन किया था. यह घटनाक्रम, 2017 के आम चुनावों में दोनों पार्टियों के गठबंधन को मिली जीत के बाद हुआ था.

रविवार को न्यायमूर्ति कुमार रेगमी और न्यायमूर्ति बाम कुमार श्रेष्ठ की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) पर वैध अधिकार ऋषिराम कत्तेल को सौंप दिया, जिन्होंने ओली और प्रचंड नीत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के गठन से पहले चुनाव आयोग में पार्टी का पंजीकरण अपने नाम पर कराया था.

ऋषिराम ने एनसीपी का मई 2018 में ओली और प्रचंड के तहत पंजीकरण करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी.

पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग में ऐसी स्थिति में किसी नई पार्टी का पंजीकरण नहीं हो सकता, जब उसी नाम से कोई पार्टी पहले से पंजीकृत हो.

पढ़ें-नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता बनी रहेगी : विशेषज्ञ

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