इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएमएल-एन के सुप्रीमो नवाज शरीफ पर जोरदार हमला बोला है. इमरान ने कहा कि नवाज शरीफ लंदन में एक सियार की तरह बैठे हैं और फौज पर निशाना साध रहे हैं. खान ने खैबर पख्तूनख्वा के मिंगोरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पाकिस्तानी फौज पर सियासत में शामिल होने और सेना एवं आईएसआई के प्रमुखों को बदलने की मांग करके फौज में बगावत भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
महिला होने का फायदा उठा रहीं हैं मरियम
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, खान ने कहा कि नवाज शरीफ बीमारी का बहाना बनाकर देश से भाग गए. वह पैसे की पूजा करते हैं और उन्होंने देश को लूटकर अपनी दौलत जमा की है. खान ने फौज पर राजनीति में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाने वाली शरीफ की बेटी मरियम नवाज पर भी हमला बोला. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक महिला होने का फायदा उठा रहीं हैं, क्योंकि महिलाओं का पाकिस्तान में सम्मान किया जाता है. खान ने कहा कि नवाज शरीफ और उनके बेटों में मुल्क में रहकर पाकिस्तानी फौज पर हमला करने की हिम्मत नहीं हैं, इसलिए वे विदेश भाग गए. मरियम नवाज जानती हैं कि हम उन्हें महिला होने की वजह से जेल नहीं भेजेंगे, इसलिए वह फौज के खिलाफ जहर उगल रही हैं.
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट पर भी भड़के
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तानी लोग भ्रष्ट सियासतदानों को सेना पर आरोप लगाने की इजाजत कभी नहीं देंगे. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के तहत साथ आने वाले नेताओं को फटकारते हुए खान ने कहा कि चोरों और लूटेरों का एक समूह इकट्ठा हुआ है, जो देश को लूटने के बाद विशेष रियायत मांग रहा है. पाकिस्तान के तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री 70 वर्षीय शरीफ फिलहाल लंदन में हैं और उन्होंने पिछले महीने सीधे तौर पर सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद पर खान की जीत सुनिश्चित करने के लिए 2018 के आम चुनाव में दखलअंदाजी का आरोप लगाया था. नवाज शरीफ ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बैनर तले विपक्षी पार्टियों की संयुक्त रैली में 16 अक्टूबर को उक्त आरोप लगाए थे.
आरोपों से सेना का इनकार
बहरहाल, सेना ने मुल्क की राजनीति में दखलअंदाजी करने से इनकार किया है. प्रधानमंत्री खान ने भी इन इल्जामों का खंडन किया है कि फौज ने 2018 के चुनाव में उनकी मदद की थी. पीएमएल-एन के प्रमुख भ्रष्टाचार के कई आरोपों का सामना कर रहे हैं. वह फिलहाल जमानत पर हैं. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल नवंबर में उन्हें इलाज के लिए लंदन जाने की इजाजत दी थी, लेकिन वह वापस नहीं आए. ताकतवर फौज ने पाकिस्तान के अस्तित्व के आधे से ज्यादा समय देश पर हुकूमत की है. उसका अब भी सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी दखल है.