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अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी पर बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है : नाटो प्रमुख

नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने एक बयान में कहा है कि हम करीब 20 साल से अफगानिस्तान में हैं और कोई भी नाटो सहयोगी जरूरत से ज्यादा यहां रुकना नहीं चाहता है, लेकिन यहां से जल्द जाने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

जेन्स स्टोल्टेनबर्ग
जेन्स स्टोल्टेनबर्ग
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Published : Nov 17, 2020, 9:25 PM IST

ब्रसेल्स : नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने मंगलवार को आगाह किया कि सैन्य संगठन अफगानिस्तान से जल्द बाहर निकलने की भारी कीमत चुका सकता है. उनके इस बयान से पहले अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आने वाले सप्ताहों में अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला सकते हैं.

स्टोल्टेनबर्ग ने एक बयान में कहा कि हम अब मुश्किल फैसले का सामना कर रहे हैं. हम करीब 20 साल से अफगानिस्तान में हैं और कोई भी नाटो सहयोगी जरूरत से ज्यादा यहां रुकना नहीं चाहता है, लेकिन यहां से जल्द जाने या बिना समन्वय के जाने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

उन्होंने कहा युद्ध प्रभावित इस देश के फिर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की स्थली बनने और यहां से आतंकवादियों द्वारा हमारे देशों को निशाना बनाने के लिए षड्यंत्र रचने का खतरा है और आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) जो सीरिया और इराक से उखाड़ फेंके जाने के बाद यहां फिर से पांव जमा सकता है.

पढ़ें - अफगानिस्तान ने हेलमंद और कंधार में मारे गए 70 आतंकियों की सूची जारी की

अमेरिका की योजना के तहत मध्य जनवरी के बाद यहां से 2,500 सैनिकों को वापस बुला सकता है.

ब्रसेल्स : नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने मंगलवार को आगाह किया कि सैन्य संगठन अफगानिस्तान से जल्द बाहर निकलने की भारी कीमत चुका सकता है. उनके इस बयान से पहले अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आने वाले सप्ताहों में अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला सकते हैं.

स्टोल्टेनबर्ग ने एक बयान में कहा कि हम अब मुश्किल फैसले का सामना कर रहे हैं. हम करीब 20 साल से अफगानिस्तान में हैं और कोई भी नाटो सहयोगी जरूरत से ज्यादा यहां रुकना नहीं चाहता है, लेकिन यहां से जल्द जाने या बिना समन्वय के जाने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

उन्होंने कहा युद्ध प्रभावित इस देश के फिर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की स्थली बनने और यहां से आतंकवादियों द्वारा हमारे देशों को निशाना बनाने के लिए षड्यंत्र रचने का खतरा है और आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) जो सीरिया और इराक से उखाड़ फेंके जाने के बाद यहां फिर से पांव जमा सकता है.

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अमेरिका की योजना के तहत मध्य जनवरी के बाद यहां से 2,500 सैनिकों को वापस बुला सकता है.

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