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तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच म्यांमार में वायरलैस इंटरनेट सेवा बंद

म्यांमार में तख्तापलट के बाद से सेना और तख्तापलट का विरोध करने वाले आम नागरिकों के बीच संघर्ष जारी है. दोनों के बीच हिंसक झड़पों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. ताजा घटनाक्रम में प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए देश में इंटनेट सेवा बंद कर दी गई है.

Myanmar cuts wireless internet service
Myanmar cuts wireless internet service
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Published : Apr 2, 2021, 4:06 PM IST

यंगून : म्यांमार में सेना के आदेश पर वायरलैस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं शुक्रवार को बंद कर दी गईं. एक स्थानीय सेवा प्रदाता ने यह जानकारी दी.

सत्ता के जुंटा के हाथों में चले जाने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का विरोध लगातार जारी है.

स्थानीय सेवा प्रदाता ओरेडू की ओर से ऑनलाइन पोस्ट किए गए बयान के मुताबिक परिवहन एवं संचार मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी निर्देश में 'अगले नोटिस तक सभी वायरलैस ब्रॉडबैंड डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद रखने को कहा गया है.'

फाइबर आधारित लैंडलाइन इंटरनेट कनेक्शन अब भी काम कर रहे हैं लेकिन बेहद धीमी गति से.

शुक्रवार को ही, न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार निगरानी संस्था ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि म्यांमार की सेना ने नेताओं, चुनाव अधिकारियों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों समेत सैकड़ों लोगों को जबरन गायब कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए वे किन स्थानों पर है या वकीलों तथा उनके परिवार के सदस्यों को उन तक जाने देने से इनकार कर दिया है.

ह्यूमन राइट्स वॉच के एशिया निदेशक ब्रैड एडम्स ने कहा, 'सैन्य जुंटा की तरफ से मनमानी गिरफ्तारी और जबरन लोगों को गायब करने का व्यापक प्रयोग तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के मन में डर पैदा करने वाले मालूम होते हैं.'

पढ़ें-मणिपुर सरकार ने म्यांमार से आ रहे शरणार्थियों को रोकने के लिए दिया आदेश वापस लिया

उन्होंने कहा, 'संबंधित सरकारों को प्रत्येक लापता व्यक्ति की रिहाई की मांग करनी चाहिए और इस अत्याचारी सेना को अंतत: जिम्मेदार ठहराने के लिए जुंटा नेताओं के खिलाफ लक्षित आर्थिक प्रतिबंध लगाने चाहिए.'

दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्र में संकट पिछले हफ्ते तेजी से बढ़ गया, प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के लिहाज से और कारेन नस्ली अल्पसंख्यकों के गुरिल्ला बलों के खिलाफ सैन्य हवाई हमलों की संख्या की नजर से भी.

यंगून : म्यांमार में सेना के आदेश पर वायरलैस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं शुक्रवार को बंद कर दी गईं. एक स्थानीय सेवा प्रदाता ने यह जानकारी दी.

सत्ता के जुंटा के हाथों में चले जाने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का विरोध लगातार जारी है.

स्थानीय सेवा प्रदाता ओरेडू की ओर से ऑनलाइन पोस्ट किए गए बयान के मुताबिक परिवहन एवं संचार मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी निर्देश में 'अगले नोटिस तक सभी वायरलैस ब्रॉडबैंड डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद रखने को कहा गया है.'

फाइबर आधारित लैंडलाइन इंटरनेट कनेक्शन अब भी काम कर रहे हैं लेकिन बेहद धीमी गति से.

शुक्रवार को ही, न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार निगरानी संस्था ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि म्यांमार की सेना ने नेताओं, चुनाव अधिकारियों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों समेत सैकड़ों लोगों को जबरन गायब कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए वे किन स्थानों पर है या वकीलों तथा उनके परिवार के सदस्यों को उन तक जाने देने से इनकार कर दिया है.

ह्यूमन राइट्स वॉच के एशिया निदेशक ब्रैड एडम्स ने कहा, 'सैन्य जुंटा की तरफ से मनमानी गिरफ्तारी और जबरन लोगों को गायब करने का व्यापक प्रयोग तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के मन में डर पैदा करने वाले मालूम होते हैं.'

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उन्होंने कहा, 'संबंधित सरकारों को प्रत्येक लापता व्यक्ति की रिहाई की मांग करनी चाहिए और इस अत्याचारी सेना को अंतत: जिम्मेदार ठहराने के लिए जुंटा नेताओं के खिलाफ लक्षित आर्थिक प्रतिबंध लगाने चाहिए.'

दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्र में संकट पिछले हफ्ते तेजी से बढ़ गया, प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के लिहाज से और कारेन नस्ली अल्पसंख्यकों के गुरिल्ला बलों के खिलाफ सैन्य हवाई हमलों की संख्या की नजर से भी.

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