बैंकॉक : म्यांमार की अपदस्थ नेता (Myanmar's deposed leader) आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi) को उस वक्त कानूनी मोर्चे पर झटका लगा जब एक न्यायाधीश ने उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप में अभियोजन की गवाही को अयोग्य ठहराने के उनके वकील के आग्रह को ठुकरा दिया. सू ची की कानूनी टीम ने यह जानकारी दी है.
बहरहाल, अदालत ने कहा कि वह मामले को उच्च न्यायालय ले जाने की अनुमति देंगी और वहां से फैसला आने तक गवाही को निलंबित रखेंगी. इस मामले में बर्खास्त राष्ट्रपति विन मिन्त (Win Myint) और नेपिता के पूर्व मेयर मेयो आंग भी सह प्रतिवादी हैं. वे सू ची के करीबी राजनीतिक सहयोगी हैं.
अभियोजन की गवाही सुनेगी अदालत
अदालत सू ची के खिलाफ अन्य आरोपों को लेकर अभियोजन की गवाही सुनेगी. उनपर आरोप है कि उन्होंने अपने अंग रक्षकों के लिए अवैध तरीके से वॉकी टॉकी आयात किए और बिना लाइसेंस के उन रेडियो का इस्तेमाल किया. इसके अलावा उनपर 2020 के चुनाव के दौरान कोविड-19 से संबंधित नियमों के उल्लंघन का भी आरोप है. सू ची के खिलाफ राजधानी नेपिता की अदालत में 14 जून से बंद कमरे में मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई. व्यापक तौर पर देखा जा रहा है कि सत्तारूढ़ सैन्य जुन्ता (ruling military Junta) इन आरोपों के जरिए उन्हें बदनाम करने और सत्ता पर अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश में हैं.
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राजद्रोह से संबंधित आरोप नेपिता के एक स्थानीय अधिकारी ने लगाया है. सबूत के तौर पर सू ची की पार्टी के फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए दो बयानों का हवाला दिया है. सू ची की कानूनी टीम ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये बयान पोस्ट करने से पहले सू ची समेत पार्टी के केंद्रीय कार्यकारी समिति (central executive committee) के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया था.
गिरफ्तारी के बाद से ही पेश नहीं हुए सू ची
सू ची को उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही सार्वजनिक तौर पर पेश नहीं किया गया है. उन्होंने अपने वकीलों के जरिए संदेश भिजवाया है कि लोग राजनीतिक स्थिति और कोविड-19 संकट को देखते हुए एकजुट रहें.
उनकी एक अन्य वकील के मुताबिक, सू ची ने यह भी कहा कि उन्हें एक डॉक्टर और एक नर्स दी गई है और उनकी सेहत अच्छी है. गौरतलब है कि म्यांमार में सेना ने फरवरी में तख्तापलट करके हुकूमत अपने हाथ में ले ली थी और सू ची समेत निर्वाचित सरकार के शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था.
(पीटीआई-भाषा)