बैंकॉक : म्यांमार (Myanmar) की अपदस्थ नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) को मंगलवार को उस वक्त कानूनी मोर्चे पर झटका लगा जब एक न्यायाधीश ने उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप में अभियोजन की गवाही को अयोग्य ठहराने के उनके वकील के आग्रह को ठुकरा दिया.
बहरहाल, अदालत ने कहा कि वह मामले को उच्च न्यायालय ले जाने की अनुमति देंगी और वहां से फैसला होने तक गवाही को निलंबित रखेंगी. इस मामले में बर्खास्त राष्ट्रपति विन मिन्त और नेपिता के पूर्व मेयर मेयो आंग भी सह प्रतिवादी हैं. वे सू की के करीबी राजनीतिक सहयोगी हैं.
अदालत सू की के खिलाफ अन्य आरोपों को लेकर अभियोजन की गवाही सुनेगी. उनपर आरोप है कि उन्होंने अपने अंग रक्षकों के लिए अवैध तरीके से वॉकी टॉकी (walkie talkie) आयात किए और बिना लाइसेंस (License) के उन रेडियो का इस्तेमाल किया. इसके अलावा उनपर 2020 के चुनाव के दौरान कोविड-19 से संबंधित नियमों के उल्लंघन का भी आरोप है.
राजद्रोह से संबंधित आरोप नेपिता के एक स्थानीय अधिकारी ने लगाया है और सबूत के तौर पर सू की की पार्टी के फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए दो बयानों का हवाला दिया है. सू ची (76) को उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही सार्वजनिक तौर पर पेश नहीं किया गया है. उन्होंने अपने वकीलों के जरिए संदेश भिजवाया है कि लोग राजनीतिक स्थिति और कोविड-19 संकट को देखते हुए एकजुट रहें.
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उनकी एक अन्य वकील के मुताबिक, सू की ने यह भी कहा कि उन्हें एक डॉक्टर और एक नर्स दी गई है और उनकी सेहत अच्छी है. आपकाे बता दें कि म्यांमार में सेना ने फरवरी में तख्तापलट करके हुकूमत अपने हाथ में ले ली थी और सू की समेत निर्वाचित सरकार के शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था.
(पीटीआई-भाषा)