कुआलालम्पुर : मलेशियाई सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित 428 लोगों में से आधे से ज्यादा लोगों में संक्रमण फैलने का कारण पिछले महीने देश में आयोजित हुआ एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक कार्यक्रम है. उनका कहना है कि इस दौरान कई विदेशी मलेशिया में आए और गए, जिससे यह संक्रमण फैला है.
गौरतलब है कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र ने सप्ताहांत में 190 नए कोरोना से संक्रमित मामलों की पुष्टि की, जोकि लगभग 20 हजार लोगों द्वारा भाग लिए गए एक वैश्विक इस्लामिक कार्यक्रम से जुड़े हुए थे.
इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक नूर हिशाम अबदुल्लाह ने बताया कि कोरोना से संक्रमित 428 लोगों में से 243 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पेटालिंग मस्जिद (Sri Petaling mosque) में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.
अधिकारियों ने कहा कि 27 फरवरी से एक मार्च तक आयोजित हुए इस कार्यक्रम में बांग्लादेश, ब्रुनेई, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड से लोग शामिल हुए थे. वहीं करीब 14,500 मलेशियाई लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया था.
बता दें, ब्रुनेई में आज कोरोना वायरस के 10 नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है. इनमें सबसे ज्यादा वही लोग हैं, जो मलेशिया के अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे.
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वहीं सिंगापुर ने भी देश में कोरोना से संक्रमित मामलों की पुष्टि की है.
गौरतलब है, बीते रोज प्रधानमंत्री मुहीदीन यासिन (Muhyiddin Yassin) ने लोगों से कोरोना वायरस को लेकर सावधानी बरतने को कहा. साथ ही साथ लोगों से एक जगह बड़ी संख्या में जमा न होने की भी अपील की.
मोनाष विश्विद्यालय (Monash University) के लेक्चरर अहमद फारूक (Ahmad Farouk) ने कहा कि अधिकारियों को कम से कम दो हफ्तों के लिए मस्जिदों पर भी पाबंदी लगा देनी चाहिए, जिससे की इस खतरनाक वायरस के फैलने से बचा जा सके.