लंदनः भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है. इसके कारण घाटी में तनाव का महौल बना हुआ है. इसे लेकर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और पाकिस्तान की शिक्षा अधिकार की कार्यकर्ता मलाला ने कश्मीर में शांति की मांग की है. उन्होंने यूएन से अपील की कश्मीर की शांति की दिशा में काम करें.
बता दें कि भारत सरकार की ओर से पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था उस दौरान प्रदेश में किसी भी तरह का हिंसा न हो इसके पूरे प्रदेश में पाबंदिया लगा दी गई थी. इससे पूरे घाटी में आम जनजीवन प्रभावित हो गया. घाटी में ज्यादातर दुकानें और स्कूल बंद है तथा सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों पर नदारद हैं.
यूसुफजई ने कहा, 'मैं यूएनजीए के नेताओं और अन्य से कश्मीर में शांति लाने की दिशा में काम करने, कश्मीरियों की आवाज सुनने और बच्चे स्कूलों की ओर लौट सकें, इसमें मदद करने का अनुरोध कर रही हूं.'
22 साल की मलाला ने कहा कि वह उन रिपोर्टों से चिंतित हैं जिनमें कहा गया है कि 40 दिन से ज्यादा वक्त से बच्चे स्कूल नहीं जा सके हैं, लड़कियां घर से निकलने में डर रही हैं.
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उन्होंने ट्वीट किया कि मैं कश्मीर में रहने वाली लड़कियों से अभी सीधे बातचीत करना चाहती हूं. कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदियों की वजह से लोगों की कहानियां जानने के लिए बहुत से लोगों को काफी काम करना पड़ा. कश्मीरी दुनिया से कटा हुआ है और वहा के लोग अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. कश्मीर को बोलने की छूट दी जाए.