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मलाला ने यूएन से कश्मीर में शांति लाने के दिशा में काम करने की अपील

मलाला यूसुफजई ने घाटी में तनाव भरे हालात के बीच संयुक्त राष्ट्र से अपील किया है कि कश्मीर में शांति लाने और बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने में मदद करने की दिशा में काम करे. जाने क्या क्या मलाला ने...

फाइल फोटो
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Published : Sep 15, 2019, 2:05 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 4:59 PM IST

लंदनः भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है. इसके कारण घाटी में तनाव का महौल बना हुआ है. इसे लेकर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और पाकिस्तान की शिक्षा अधिकार की कार्यकर्ता मलाला ने कश्मीर में शांति की मांग की है. उन्होंने यूएन से अपील की कश्मीर की शांति की दिशा में काम करें.

बता दें कि भारत सरकार की ओर से पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था उस दौरान प्रदेश में किसी भी तरह का हिंसा न हो इसके पूरे प्रदेश में पाबंदिया लगा दी गई थी. इससे पूरे घाटी में आम जनजीवन प्रभावित हो गया. घाटी में ज्यादातर दुकानें और स्कूल बंद है तथा सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों पर नदारद हैं.

यूसुफजई ने कहा, 'मैं यूएनजीए के नेताओं और अन्य से कश्मीर में शांति लाने की दिशा में काम करने, कश्मीरियों की आवाज सुनने और बच्चे स्कूलों की ओर लौट सकें, इसमें मदद करने का अनुरोध कर रही हूं.'

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मलाला यूसुफजई का ट्वीट

22 साल की मलाला ने कहा कि वह उन रिपोर्टों से चिंतित हैं जिनमें कहा गया है कि 40 दिन से ज्यादा वक्त से बच्चे स्कूल नहीं जा सके हैं, लड़कियां घर से निकलने में डर रही हैं.

पढ़ेंः फेल हुई इमरान खान की PoK रैली, लोगों ने लगाए 'नियाजी वापस जाओ' के नारे

उन्होंने ट्वीट किया कि मैं कश्मीर में रहने वाली लड़कियों से अभी सीधे बातचीत करना चाहती हूं. कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदियों की वजह से लोगों की कहानियां जानने के लिए बहुत से लोगों को काफी काम करना पड़ा. कश्मीरी दुनिया से कटा हुआ है और वहा के लोग अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. कश्मीर को बोलने की छूट दी जाए.

लंदनः भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है. इसके कारण घाटी में तनाव का महौल बना हुआ है. इसे लेकर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और पाकिस्तान की शिक्षा अधिकार की कार्यकर्ता मलाला ने कश्मीर में शांति की मांग की है. उन्होंने यूएन से अपील की कश्मीर की शांति की दिशा में काम करें.

बता दें कि भारत सरकार की ओर से पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था उस दौरान प्रदेश में किसी भी तरह का हिंसा न हो इसके पूरे प्रदेश में पाबंदिया लगा दी गई थी. इससे पूरे घाटी में आम जनजीवन प्रभावित हो गया. घाटी में ज्यादातर दुकानें और स्कूल बंद है तथा सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों पर नदारद हैं.

यूसुफजई ने कहा, 'मैं यूएनजीए के नेताओं और अन्य से कश्मीर में शांति लाने की दिशा में काम करने, कश्मीरियों की आवाज सुनने और बच्चे स्कूलों की ओर लौट सकें, इसमें मदद करने का अनुरोध कर रही हूं.'

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मलाला यूसुफजई का ट्वीट

22 साल की मलाला ने कहा कि वह उन रिपोर्टों से चिंतित हैं जिनमें कहा गया है कि 40 दिन से ज्यादा वक्त से बच्चे स्कूल नहीं जा सके हैं, लड़कियां घर से निकलने में डर रही हैं.

पढ़ेंः फेल हुई इमरान खान की PoK रैली, लोगों ने लगाए 'नियाजी वापस जाओ' के नारे

उन्होंने ट्वीट किया कि मैं कश्मीर में रहने वाली लड़कियों से अभी सीधे बातचीत करना चाहती हूं. कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदियों की वजह से लोगों की कहानियां जानने के लिए बहुत से लोगों को काफी काम करना पड़ा. कश्मीरी दुनिया से कटा हुआ है और वहा के लोग अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. कश्मीर को बोलने की छूट दी जाए.

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.LONDON FGN2
UK-MALALA-KASHMIR
Malala urges UN to help Kashmiri children go back to school
         London, Sep 15 (PTI) Nobel Peace Prize winner and Pakistani education rights activist Malala Yousafzai has urged the UN to work towards peace in Kashmir and help children go back to school amid the tense situation in the Valley.
          Normal life has remained affected in Kashmir since August 5, when the special status for Jammu and Kashmir was scrapped and restrictions were imposed. Most shops and schools remain shut and public transport has gone off the roads.
         "I am asking leaders, at #UNGA and beyond, to work towards peace in Kashmir, listen to Kashmiri voices and help children go safely back to school," the youngest ever Nobel Laureate tweeted on Saturday.
          Malala, 22, said she is deeply concerned about reports of students who have not been able to attend school for more than 40 days, about girls who are afraid to leave their homes.
         "I wanted to hear directly from girls living in Kashmir right now. It took a lot of work from a lot of people to get their stories because of the communications blackout. Kashmiris are cut off from the world and unable to make their voices heard. #LetKashmirSpeak," she tweeted.
         As the shutdown in the Valley entered its 41st day on Saturday, most of the shops and other business establishments remained closed. Internet services remained suspended across all platforms.
         While landline phones across the Valley were functional, voice calls on mobile devices were working only in Kupwara and Handwara police districts of north Kashmir.
         The efforts of the state government to reopen schools have not borne any fruit as parents continued to keep the kids at home due to apprehensions about their safety. PTI
AMS
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Last Updated : Sep 30, 2019, 4:59 PM IST
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