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पाकिस्तान के सामने एक तरफ लॉकडाउन और दूसरी तरफ भुखमरी का संकट : इमरान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर लॉकडाउन से बचा जाए या इसे खत्म किया जाए तो यह कोरोना महामारी मौत बनकर समाज पर टूट सकती है. जानें विस्तार से...

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इमरान खान (फाइल फोटो)
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Published : Apr 6, 2020, 12:15 AM IST

इस्लामाबाद : दुनिया के तमाम देशों की ही तरफ कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप झेल रहे पाकिस्तान के लिए उसकी खस्ता हाल अर्थव्यवस्था ने संकट को और बढ़ा दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद ही संकेतों में कहा है कि उनके देश के सामने एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति पैदा हो गई है.

इमरान ने ट्विटर पर अपने एक ट्वीट में इस संकट का उल्लेख किया है कि कुल आबादी का 25 फीसदी हिस्सा गरीबी रेखा से भी नीचे है और इनकी रोजी रोटी के लिए देशव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन किस हद तक समस्याएं लेकर आ सकता है, साथ ही अगर लॉकडाउन से बचा जाए या इसे खत्म किया जाए तो यह कोरोना महामारी मौत बनकर समाज पर टूट सकती है.

इमरान ने निर्माण क्षेत्र में गतिविधियां शुरू करने के अपने सरकार के फैसले के हवाले से अपने ट्वीट में कहा, '(भारतीय) उपमहाद्वीप में गरीबी बहुत ज्यादा है. हमारे सामने एक बेहद कठिन चुनौती इसमें संतुलन बनाने की है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन किया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हमारे लोग भूख से न मरें और अर्थवय्वस्था तहस-नहस न हो.'

इमरान ने ट्वीट में कहा, 'हमने शिक्षण संस्थाओं, माल, रेस्टोरेंट, शादीघरों व अन्य जगहों पर लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाते हुए लॉकडाउन कर दिया लेकिन लॉकडाउन से होने वाली तबाही को रोकने के लिए कृषि क्षेत्र को इससे अलग रखा और अब हम अपने निर्माण क्षेत्र (कंस्ट्रक्शन सेक्टर) को खोल रहे हैं.'

बता दें कि इससे पहले भी इमरान यह कह चुके हैं कि अगल लोग भूखे मर रहे हों तो वो उनसे घरों में रहने के लिए कैसे कह सकते हैं.

इस्लामाबाद : दुनिया के तमाम देशों की ही तरफ कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप झेल रहे पाकिस्तान के लिए उसकी खस्ता हाल अर्थव्यवस्था ने संकट को और बढ़ा दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद ही संकेतों में कहा है कि उनके देश के सामने एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति पैदा हो गई है.

इमरान ने ट्विटर पर अपने एक ट्वीट में इस संकट का उल्लेख किया है कि कुल आबादी का 25 फीसदी हिस्सा गरीबी रेखा से भी नीचे है और इनकी रोजी रोटी के लिए देशव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन किस हद तक समस्याएं लेकर आ सकता है, साथ ही अगर लॉकडाउन से बचा जाए या इसे खत्म किया जाए तो यह कोरोना महामारी मौत बनकर समाज पर टूट सकती है.

इमरान ने निर्माण क्षेत्र में गतिविधियां शुरू करने के अपने सरकार के फैसले के हवाले से अपने ट्वीट में कहा, '(भारतीय) उपमहाद्वीप में गरीबी बहुत ज्यादा है. हमारे सामने एक बेहद कठिन चुनौती इसमें संतुलन बनाने की है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन किया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हमारे लोग भूख से न मरें और अर्थवय्वस्था तहस-नहस न हो.'

इमरान ने ट्वीट में कहा, 'हमने शिक्षण संस्थाओं, माल, रेस्टोरेंट, शादीघरों व अन्य जगहों पर लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाते हुए लॉकडाउन कर दिया लेकिन लॉकडाउन से होने वाली तबाही को रोकने के लिए कृषि क्षेत्र को इससे अलग रखा और अब हम अपने निर्माण क्षेत्र (कंस्ट्रक्शन सेक्टर) को खोल रहे हैं.'

बता दें कि इससे पहले भी इमरान यह कह चुके हैं कि अगल लोग भूखे मर रहे हों तो वो उनसे घरों में रहने के लिए कैसे कह सकते हैं.

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