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लेबनान के राष्ट्रपति ने गतिरोध को समाप्त किए जाने की अपील की - गतिरोध को समाप्त किए जाने की अपील

लेबनान के राष्ट्रपति माइकल औन (Lebanese President Michael Aoun) ने सरकारी संस्थाओं को कमजोर बनाना आम बात हो गई है और इसके कारण देश को नुकसान पहुंच रहा है. औन ने कहा कि लंबित समस्याओं से निपटने के लिए सरकार को जल्द से जल्द बैठक करनी चाहिए.

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Published : Dec 28, 2021, 10:17 AM IST

बेरूत : लेबनान के राष्ट्रपति माइकल औन (Lebanese President Michael Aoun) ने 11 सप्ताह से जारी उस गतिरोध को समाप्त किए जाने की सोमवार को अपील की. इस कारण देश में सरकारी संस्थाएं बैठक नहीं कर पा रहीं और इससे उत्पन्न आर्थिक मंदी के बीच ये संस्थाएं और कमजोर हो रही हैं. राष्ट्रपति औन ने सरकार की बैठक बुलाने में रुकावट पैदा करने के लिए शक्तिशाली सहयोगी हिज्बुल्ला को परोक्ष रूप में जिम्मेदार ठहराया, लेकिन उन्होंने शिया समूह का नाम नहीं लिया.

औन ने सोमवार शाम टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में कई अन्य अवरोधों को भी सूचीबद्ध किया, जिसके कारण आवश्यक कानून प्रभावित हुए और सुधार कार्य पटरी से उतर गए. उन्होंने अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी संसद के स्पीकर नाबिन बेरी की भी आलोचना की, लेकिन उनका नाम नहीं लिया. हिज्बुल्ला और उसके सहयोगियों ने पिछले साल बेरूत बंदरगाह पर हुए विस्फोट की जांच कर रहे न्यायाधीश को हटाने की मांग की है.

पढ़ें : म्यांमार की अदालत ने सू ची के खिलाफ दो आरोपों में फैसला टाला

12 अक्टूबर से लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती की सरकार बैठक नहीं कर पाई है. हिज्बुल्ला ने न्यायाधीश पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. वहीं, सरकार में उसके सहयोगियों ने कहा है कि जब तक सरकार न्यायाधीश को हटाने का तरीका नहीं ढूंढ लेती, तब तक वे कैबिनेट की बैठक में भाग नहीं लेंगे.

औन ने कहा कि उनकी अनुचित तरीके से आलोचना की जा रही है और उनका प्राधिकार कमजोर हुआ है, जबकि वह कैबिनेट की बैठक बुलाने के लिए दबाव भी नहीं बना सकते. उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाओं को कमजोर बनाना आम बात हो गई है और इसके कारण देश को नुकसान पहुंच रहा है. औन ने कहा कि लंबित समस्याओं से निपटने के लिए सरकार को जल्द से जल्द बैठक करनी चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

बेरूत : लेबनान के राष्ट्रपति माइकल औन (Lebanese President Michael Aoun) ने 11 सप्ताह से जारी उस गतिरोध को समाप्त किए जाने की सोमवार को अपील की. इस कारण देश में सरकारी संस्थाएं बैठक नहीं कर पा रहीं और इससे उत्पन्न आर्थिक मंदी के बीच ये संस्थाएं और कमजोर हो रही हैं. राष्ट्रपति औन ने सरकार की बैठक बुलाने में रुकावट पैदा करने के लिए शक्तिशाली सहयोगी हिज्बुल्ला को परोक्ष रूप में जिम्मेदार ठहराया, लेकिन उन्होंने शिया समूह का नाम नहीं लिया.

औन ने सोमवार शाम टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में कई अन्य अवरोधों को भी सूचीबद्ध किया, जिसके कारण आवश्यक कानून प्रभावित हुए और सुधार कार्य पटरी से उतर गए. उन्होंने अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी संसद के स्पीकर नाबिन बेरी की भी आलोचना की, लेकिन उनका नाम नहीं लिया. हिज्बुल्ला और उसके सहयोगियों ने पिछले साल बेरूत बंदरगाह पर हुए विस्फोट की जांच कर रहे न्यायाधीश को हटाने की मांग की है.

पढ़ें : म्यांमार की अदालत ने सू ची के खिलाफ दो आरोपों में फैसला टाला

12 अक्टूबर से लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती की सरकार बैठक नहीं कर पाई है. हिज्बुल्ला ने न्यायाधीश पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. वहीं, सरकार में उसके सहयोगियों ने कहा है कि जब तक सरकार न्यायाधीश को हटाने का तरीका नहीं ढूंढ लेती, तब तक वे कैबिनेट की बैठक में भाग नहीं लेंगे.

औन ने कहा कि उनकी अनुचित तरीके से आलोचना की जा रही है और उनका प्राधिकार कमजोर हुआ है, जबकि वह कैबिनेट की बैठक बुलाने के लिए दबाव भी नहीं बना सकते. उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाओं को कमजोर बनाना आम बात हो गई है और इसके कारण देश को नुकसान पहुंच रहा है. औन ने कहा कि लंबित समस्याओं से निपटने के लिए सरकार को जल्द से जल्द बैठक करनी चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

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