कोलंबो : व्हिप का उल्लंघन कर संविधान के 20वें संशोधन के समर्थन में मतदान करने वाले आठ सांसदों के खिलाफ उनकी पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी. श्रीलंका के विपक्षी पार्टी के नेताओं ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. श्रीलंका की संसद ने बृहस्पतिवार को दो तिहाई बहुमत के साथ संविधान के 20वें संशोधन को पारित कर दिया था. इसके तहत राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के हाथों में सारे अधिकार दे दिए गए हैं और संसद के अधिकार को कमतर किया गया है. श्रीलंका की 223 सदस्यीय संसद में इस विधेयक के पक्ष में 156 सांसदों ने वोट दिया, जबकि 65 सांसदों ने इसका विरोध किया. वोटिंग के समय केवल 213 सदस्य मौजूद थे।
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सरकार ने दो सितंबर को 19वें संशोधन की जगह लेने के लिए 20ए को अधिसूचित किया था. संविधान के 19वें संशोधन से राष्ट्रपति के अधिकारों को सीमित किया गया था और संसद को मजबूत बनाया गया था. मुख्य विपक्षी दल समागी जन बलावेगाया (एसजेबी) की महिला सांसद डायना गेमेज ने भी पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान किया था. एसजेबी के महासचिव रंजीथ मद्दुमा बंडारा ने कहा कि हम उनके (गेमेज) खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे. गेमेज और सात अन्य सांसदों ने 20ए के पक्ष में मतदान किया था, जिनमें से छह सदस्य एसजीबे के व दो अन्य मुस्लिम सहयोगी दलों के सांसद हैं. तमिल प्रोग्रेसिव अलायंस (टीपीएफ) के अरविंद कुमार ने भी संशोधन के पक्ष में मतदान करने किया था. टीपीएफ के नेता एवं सांसद मनो गणेशन ने कहा कि पार्टी का पोलित ब्यूरो कुमार के खिलाफ कार्रवाई करेगा.